प्रयागराज। एक माह तक लगने वाले महाकुंभ में हर रोज़ लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। Aayudh की टीम भी इस भव्य महाकुम्भ में आपको अलग-अलग पहलुओं से वाकिफ़ कराने पहुंची। इसी कड़ी में हमारी मुलाकात डॉक्टर वगीश स्वामी जी से हुई, जिन्होंने हमें महाकुंभ में स्न्नान के फायदे बताए। आइए जानते हैं महाकुंभ में स्नान करने के फ़ायदे।
सारे तीर्थों में स्नान का पुण्य मिल जाता है..
जब स्वामी जी से Aayudh की टीम ने बात कि तो उन्होंने बताया कि एक महीने तक लगने वाले इस महकुंभ में सभी देवी – देवता पधारते हैं। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में लगने वाले महाकुम्भ में स्नान करने से सारे तीर्थों के पुण्य मिल जाते हैं। उन्होंने कहा – “हम मनुष्य सभी तीर्थों पर नहीं जा सकते हैं, हो सकता है कि कोई तीर्थ हमसे छूट गया हो तो प्रयागराज के संगम में स्नान करने से हम उन सभी तीर्थों के स्नान के भागी बन सकते हैं।”
एक महीने में किस-किस दिन स्नान करना शुभ है ?
स्वामी जी ने बताया कि एक महीने में किसी भी दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि आप पूरा महीना कुंभ में स्नान करते हैं तो और भी अच्छा है। कुछ दिन ऐसे हैं जिसमें अवश्य स्नान करना चाहिए।
कुछ विशेष दिन कौन-कौन से हैं ?
यदि आप मकर संक्रांति, वसंत पंचमी और मौनी अमावस्या के दिन स्नान करते हैं तो और भी शुभ माना जाता है। उन्होंने साधुओं के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि जिस प्रकार हमारे घर में कोई साधु आते हैं तो हम सबसे पहले उन्हें भोजन करवाते हैं, उसी प्रकार इन विशेष दिनों पर हम साधुओं को पहले स्नान का अधिकार देकर उनका सम्मान करते हैं। इसी स्नान करने की व्यवस्था को हम शाही स्नान और अमृत स्नान कहते हैं।
यदि आप इन विशेष दिनों में कभी भी स्नान करते हैं तो वह अमृत स्नान ही होगा।
स्वामी जी ने युवाओं को दिशाहीन क्यों कहा ?
हम सभी जानते हैं कि इस वर्ष महाकुंभ में युवाओं की एक बड़ी संख्या देखने को मिल रही है। युवा देश के अलग – अलग कोनों से आकर महाकुम्भ में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। जब Aayudh की टीम ने स्वामी जी से युवाओं को संदेश देने के लिए कहा तो उन्होंने युवाओं को दिशाहीन बता दिया।
उन्होंने कहा – “युवा दिशाहीन है, वो बस चल रहा है। जहाँ युवत्व ख़त्म हो जा रहा है, वहां तो वो जीना शुरू कर रहा है।” उन्होंने युवाओं को अध्यात्म से जुड़ने की सलाह दी।
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