उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बीते दिन विधानसभा में यूसीसी (UCC) बिल पेश किया गया था। इस बिल को लेकर कल संसद में विपक्षी दलों ने हंगामा मचा दिया। इस कारण संसद स्थगित करना पढ़ा पर आज दोबारा इसे लेकर सुनवाई की जाएगी। इस बिल के विरोध में अब प्रदेश के मुस्लिम संगठन भी विरोध करते दिखाई दे रहे हैं।
आज होगी यूसीसी (UCC) पर सुनवाई
यूसीसी बिल पर आज संसद में सुनवाई की जाएगी। बतादें कि इस बिल को लेकर साल 2022 में ही सरकार द्वारा घोषणा कर दी गई थी। इसके बाद उत्तराखंड पहला राज्य बनने वाला है जो यूसीसी को लागू करेगा। इस बिल के कानूनों में राज्य की आदिवासी जनता को छूट दी जाएगी जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय में जमकर आक्रोश भरा हुआ है।
शरीयत ने नहीं करेंगे समझौता
राज्य की जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुख्य मौलाना ने बयान दिया है। उनका कहना है कि जब राज्य के आदिवासी समूदाय को कानून में छूट मिल सकती है तो धार्मिक स्वतंत्रता के आधार पर अल्पसंख्यकों को भी इस कानून से अलग रखना चाहिए। वह आगे कहते हैं कि एक मुसलमान हर चीज से समझौता कर सकता है पर अपने शरीयत और मज़हब से नहीं। मौलाना का कहना है कि इस कानून के सभी पहलुओं की जांच उनकी कानून टीम करेगी जिसके बाद इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा।
यूसीसी (UCC) का किसी धर्म से नहीं है ताल्लुक
आपको बतादें कि इस बिल में पहले ही यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इसका किसी भी मज़हब या बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक से कोई ताल्लुक नहीं है। साथ ही यह भी बताया गया है कि किसी भी धर्म के रीति रिवाज़ों पर इस बिल का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह बिल केवल और केवल महिलाओं औप बच्चों के अधिकारों को उन तक पहुँचाने का काम करेगा ना कि किसी के अधिकार छीनने का।
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