एक बार फिर हम प्रेमानंद महाराज के अद्भूत विचारों के साथ आपके समक्ष पधारे है। जैसा की आप सभी को पता है कि महाराज हमेशा भगवान की भक्ती में डुबे रहते है। इस बार उनका कहना है कि मनुष्य अपने जीवन में जो कुछ भी करता है सदैव वह भगवान की मर्ज़ी से ही करता है। इंसान जो कुछ भी करता है भगवान की शक्ति से ही करता है। करवा भी वही रहे है, और कार्य करने का सामर्थ्य भी वही दे रहे है। मनुष्य को कभी भी किसी भी अच्छे विचार या अच्छी क्रिया में अपने को भुल कर भी कर्ता नहीं मानना चाहिए। एैसा करने से बुरी क्रिया कभी होगी ही नहीं।
यदि क्रियाओं के कर्ता आप बनोगे तो बुरी क्रियाओं से बच नहीं सकते है। अगर आप कोई अच्छा कार्य करते समय यह सोचते है कि ये कार्य प्रभु करा रहे है तो आप बुरी क्रियाओं का संकल्प भी नहीं करेंगे। मनुष्य को हर समय प्रभु के सामने कृतज्ञ रहना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को अपने भविष्य या वर्तमान को लेकर ज्यादा विचार नहीं करना चाहिए। आपके विचार करने से कुछ नही बदलने वाला क्योंकि प्रभु ने पहले से ही सब कुछ लिख दिया है। महाराज का कहना है कि कभी भी जीवन में मुश्किल परिस्थिति से उबना नही या घबराना नहीं चाहिए।
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हमेशा अपने भगवत विश्वास पर भरोसा रखना चाहिए। इंसान को कभी भी अपने भगवत विश्वास में कमी नहीं आने देनी चाहिए। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर भगवान ने आपके जीवन में दुख लिखा है तो एक सुबह के बाद जरूर आपके जीवन में सुख आएगा। आपके जीवन में कितना सुख है और कितना दुख है ये सब पहले से लिखा हुआ है। वह भगवान है उनको सब चीजों का ज्ञान है। उनका सब पता है किसे क्या देना है किसे क्या नहीं। बस आपको प्रभु के निर्णय पर विश्वास रखना है। अपने दुखों से हार नहीं मानना है। सभी परिस्थितियों से मुक्ति पाने का एक ही उपाय है। प्रभु का नाम जपते रही ये एक ना एक दिन सब ठिक हो जाएगा।