चीन के सबसे बड़े इ-कॉमर्स टेक्नोलॉजी कंपनी अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा जहाँ भी जाते है वो खबर बन जाती है क्योंकि वो अक्सर मीडिया ही नही पर दुनिया की नज़रों से छिपे रहते है।वह 29 जून को पाकिस्तान के लाहौर में देखे गए थे जिसकी पुष्टि वहाँ के कई बड़े व्यपारियों ने ट्वीट कर दिया।पर वह वहाँ बस 23 घंटो के लिए रुके थे और उन्होंने इसे इतना प्राइवेट रखा की पाकिस्तान के चीनी एम्बैसी को भी इसकी पूरी जानकारी नहीं थी।
अरबपति जैक मा वहां अपने प्राइवेट जेट से पहुंच कर किसी प्राइवेट जगह पर रुके थे। उन्होंने वहां ना ही किसी सरकारी अधिकारी से मुलाकात की ना ही मीडिया वालो से। वैसे इसे पर्सनल विजिट बता रहे है पर इससे पहले 28 जून को वह नेपाल की राजधानी काठमांडू गए थे और 27 जून को बांग्लादेश की राजधानी ढाका गए थे। उनकी ये दोनों दौरे भी 1 दिन की रही है।
उनके इस दौरे को सब किसी व्यापार का रूप उनके साथ आये लोगों के वजह से दे रहे है। उनके साथ कुल 7 लोगों की टीम थी जिसमे 5 चीन के ही थे, 1 डेनमार्क का था और 1 अमेरिका से।पाकिस्तान से निकलते ही फिर 30 जून को वो उज़्बेकिस्तान पहुँच गए।
अब ये तो वक़्त के साथ ही पता चलेगा की इन विज़िट्स के पीछे क्या राज़ है या कोई राज़ है भी कि नहीं।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पर इसी बीच पाकिस्तान के बड़े अफसर और व्यापारियों का ये मानना है कि जैक मा का पाकिस्तान आना उधर की टूरिज्म और अर्थव्यवस्था के लिए काफी मददगार साबित हो सकता है।
इसे जैक मा का असर समझे या पाकिस्तान की बद से बत्तर आर्थिक संकट की वहां के व्यापारियों ने ये तक कहा की अगर वो बस इस्लामाबाद के आईटी सेक्टर पर बयान भी दे देंगे तो ये बहुत बड़ा बदलाव दिखला सकती है।
जैसा जैक मा का इतिहास रहा है, अब पाकिस्तान के लोग इस उम्मीद में है की शायद उनकी डूबती अर्थव्यवस्था को तिनके का सहारा मात्र ही मिल जाए।