Oscar अवार्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला कौन थीं…आइए जानते हैं

Oscar 2025 : सिनेमा जगत में विश्व के सबसे प्रतिष्ठित ‘ऑस्कर अवार्ड’ का आयोजन इस बार कैलिफ़ोर्निया के डॉल्बी थिएटर में किया गया। इस अवार्ड को हर साल सिनेमा जगत में अपना योगदान देने वालों को दिया जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब हुई ? आइए जानते हैं इसके इतिहास के बारे में…

Oscar का इतिहास…कब हुई शुरुआत ?

अकादमी ऑफ़ मोशन पिक्चर्स एंड साइंस एक गैर सरकारी संगठन है, जिसके द्वारा Oscar अवार्ड्स को दिया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1927 में सिनेमा जगत के 36 लोगों ने मिलकर की थी। शुरुआत में केवल 5 श्रेणियों में इस अवार्ड को दिया जाता था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाया गया। 11 मई 1927 को अमेरिका के बिल्टमोर होटल में एक दावत रखी गई, जहाँ 300 मेहमानों में से 230 ने 100 डॉलर देकर इसकी सदस्यता ली।

16 मई 1929 को आयोजित पहले अकादमी अवार्ड्स में 270 लोगों ने शिरकत की थी। इस आयोजन में मीडिया को आमंत्रित नहीं किया गया, मगर अब हार साल मीडिया इस आयोजन को कवर करती है।

कैसे तय होता है कि किसे मिलेगा Oscar ?

Oscar अवार्ड्स के चुनाव के लिए बैलेटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी शुरुआत 1935 में हुई थी। आपको बता दें कि नॉमिनेशन बैलेट्स सबसे पहले एकेडमी के सक्रिय सदस्यों को भेजे जाते हैं। एकेडमी के सभी सदस्यों को ऑस्कर अवार्ड के विजेताओं को चुनने का अधिकार होता है। अभिनेता सदस्य अभिनेताओं को, फिल्म एडिटर सदस्य फिल्म एडिटर्स को, निर्देशक सदस्य निर्देशकों को नामांकित करते हैं।

आपको बता दें कि बैलटिंग के बाद केवल दो सदस्यों को ही इसके परिणाम मालूम होते हैं और किसी को इसकी जानकारी नहीं होती। 25 श्रेणियों में दिए जाने वाले ऑस्कर अवार्ड्स के नामों की गोपनीयता के लिए कड़े सुरक्षा इंतेज़ाम किए जाते हैं।

एकेडमी अवार्ड्स का नाम Oscar क्यों पड़ा ?

ऑस्कर अवार्ड्स के नाम के पीछे की भी एक कहानी है। इसका असली नाम ‘अकादमी अवॉर्ड ऑफ मेरिट’ है। ऑस्कर नाम के पीछे कई तथ्य हैं। सन 1934 में ऑस्कर विजेता बनीं डेविस का कहना है कि ये नाम उनके पति हार्मर ऑस्कर नेल्सन के नाम पर पड़ा है। एक दूसरी मान्यता यह है कि 1931 में एकेडमी के कार्यकारी सचिव मार्गट ने इसे अपने अंकल ऑस्कर जैसा बताया तभी से इसका नाम ऑस्कर पड़ गया।

मदर इंडिया को क्यों नहीं मिला ऑस्कर ?

भारत से 1958 में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म की कैटेगरी में मेहबूब खान की ‘मदर इंडिया’ का नामांकन हुआ था। फिल्म ऑस्कर के अंतिम नामांकन तक पहुंची भी परंतु फेडरिको फेलिनी की ‘नाइट्स ऑफ कैबिरिया’ से मात्र एक वोट से हार गई।

ऑस्कर जीतने वाली पहली भारतीय महिला

1958 में भारत की कोई फिल्म पहली बार ऑस्कर की रेस में शामिल हुई थी मगर ऑस्कर नहीं जीत पाई। 1983 में भारत ने एक इतिहास रचा, भानु अथैया भारत की पहली ऑस्कर विजेता बनीं। वर्ष 1983 में भानु अथैया को बेस्ट पोशाक डिज़ाइनर के लिए इस प्रसिद्द अवार्ड से सम्मानित किया गया।

मदर इंडिया से नाटू-नाटू का सफ़र

1958 में नॉमिनेटेड भारत की ‘मदर इंडिया’ भले ही ऑस्कर नहीं जीत पाई, मगर उसके बाद देश की कई हस्तियों ने ऑस्कर के इतिहास में नाम दर्ज़ करवाया। 1983 में भानु अथैया के बाद भारत के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे को भी फिल्म जगत में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए इस अवार्ड ने नवाज़ा गया। हॉस्पिटल में बीमार होने के बावजूद उन्होंने इसे स्वीकार किया और उनके दिए गए भाषण ने ऑस्कर के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी।

वर्ष 2009 में ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ में अपने दिए योगदान के लिए रेसुल पुकुट्टी को ‘बेस्ट साउंड डिज़ाइनर’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया। ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ का एक गाना (जय हो ) जिसने पूरी दुनिया में नाम कमाया उसके लिए गुलज़ार को ‘बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग’ के अवार्ड से नवाज़ा गया। एआर रहमान को भी इसी वर्ष ‘बेस्ट ओरिजिनल स्कोर’ के लिए सम्मानित किया गया।

वर्ष 2019 में गुनीत मोंगा ने ‘एंड ऑफ सेंटेंस’ के लिए बेस्ट डाक्यूमेंट्री शार्ट का पुरस्कार जीता और 2023 में फिर से उन्हें ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के लिए सम्मानित किया गया। वर्ष 2023 में ही भारत ने एक और ऐतिहासिक सफलता हासिल की। एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के गाने ‘नाटू-नाटू’ ने ‘बेस्ट ओरिजिनल सांग’ का अवार्ड जीता।

इसके साथ ही बेस्ट ओरिजिनल सांग की कैटेगरी में जीतने वाला ‘नाटू-नाटू’ भारत का पहला गीत बन गया।

ALSO READ : 97वें Oscar Awards में इस फिल्म ने जीता सबका दिल, 5 Oscar किए अपने नाम

WATCH : https://youtu.be/nHip7nZs01s?si=YeLIfSODyfi6rHjO

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Topic

मध्य प्रदेश के हनुमान मंदिर के चमत्कार देखकर आप भी रह जायेंगे दंग…

मध्य प्रदेश अपने गौरवपूर्ण इतिहास के कारण देश भर में अपनी ख्याति फैलाये हुए है साथ ही प्रदेश में ऐसे चमत्कारी हनुमान...

बागेश्वर धाम से अनसुने रहस्मयी तथ्य आपको पता है क्या ?

इन दिनों देश में बागेश्वर धाम चर्चा का विषय बना हुआ है . बागेश्वर धाम से जुड़ी ऐसी कई आश्चर्यजनक बातें है जिनको समझना...

MP Cabinet Meeting : इन प्रस्तावों पर लगी मुहर…

MP Cabinet Meeting : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार (8 अप्रैल 2025) को मंत्रालय...

Popular News

Ishant Sharma पर BCCI ने क्यों लगाया जुर्माना ?

Ishant Sharma Fined : आईपीएल 2025 का रोमांच अपने चरम पर है, लेकिन इस बीच गुजरात टाइटंस के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा एक...

ताजा खबर

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण

© 2023 Created with love by PAL DIGITAL