Women’s Day: इस महिला दिवस पर, हमें समाज में महिलाओं के प्रति अभिवादन और समर्थन का एक उचित संदेश देना चाहिए। हमें उनके समर्थन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हम सभी एक समृद्ध, समर्थ और समान समाज की ओर बढ़ें। इस आर्टिकल में हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताएंगे जो आज हमारे बारत देश के लिए एक मिसाल है। जिनके नाम से भारत की शान बढ़ती है।
मेरी लीला राव: मेरी लीला राव ओलम्पिक खेलों में भाग लेने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। उन्होंने 1956 के ओलम्पिक में 100 मीटर स्प्रिंट दौड़ में भाग लिया था। हालाँकि वे क्वालीफाइंग दौर में ही स्पर्धा से बाहर हो गयीं, लेकिन इतिहास के पन्नों में उनका नाम दर्ज हो गया। भारता की ऐसी कई महिलाएं है जो मेरी लीला राव को अपनी प्रेरणा स्त्रोत मानती है। हर वर्ष महिला दिवस (Women’s Day) पर इनको जरूर याद किया जाता है।
अंजू बॉबी जॉर्ज: अंजू बॉबी जॉर्ज आज भारत के साथ- साथ पूरे विश्व की महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं। अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में पेरिस में आयोजित विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था। इस उपलब्धि के साथ वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं, जिसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाते हुए पदक जीता।
भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी: कर्णम मल्लेश्वरी को भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है। भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने ओलंपिक में इतिहास रचते हुए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 2000 के सिडनी ओलंपिक के समय, कर्णम मल्लेश्वरी ने स्नैच में 110 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 130 किग्रा के साथ कुल 240 किग्रा का भार उठाया और भारत के लिए ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवपूर्ण पल दिया।