राम मंदिर आंदोलन में कारसेवा देने वाले कई कारसेवकों के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। पर आज हम उस व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिसने सत्ता का गलत इस्तमाल करते हुए ना जाने कितने कारसेवकों की हत्या की थी। बतादें कि ये नाम मुन्नन खाँ का है जो जीवित बचे कई कारसेवकों द्वारा कई बार लिया गया है।
इन नेताओं से था मुन्नन खाँ का संबंध
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राम मंदिर आंदोलन के समय अयोध्या में तैनात रहे एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी ने भी मुन्नन खाँ का नाम लिया। अधिकारी ने अपनी पहचान छिपाते हुए बताया कि उस समय वह बलरामपुर का विधायक था। पुलिस को जानकारी मिली थी वह कारसेवकों पर हमला करने वाला है पर वह उस समय का बड़ा और जाना माना नेता था। उसके कांग्रेस पार्टी और समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं से अच्छे संबंध थे जिस कारण उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता था।
बस में बैठाकर ले जाता था मुन्नन
रूदौली के कुछ कारसेवकों ने बताया कि उस समय मुन्नन खाँ अपने साथियों के साथ पुलिस की वर्दी पहनकर घूमता था साथ ही अपने साथ बस लेकर चलता था । वह रास्ते से पैदल जाते कारसेवकों से कहता कि आओ बस में बैठ जाओ तुम्हें अयोध्या का प्रसाद दिला दें। उस समय पुलिस पैदल चलने वाले कारसेवकों को भी गिरफ्तार कर रही पर मुन्नन खाँ को इसकी इजाज़त किसने दी यह किसी कारसेवक को नहीं पता।
साल 2009 में हो चुकी है कारसेवकों के हत्यारे की मौत
कारसेवकों ने बताया कि विधायक अपने साथ लाई बस में कई कारसेवकों को लेकर जाता था जिनके साथ क्या हुआ वह कहाँ गए किसी को नहीं पता। साल 1989 से 1991 तक वह बलरामपुर का विधायक रहा। साल 2009 में मुन्नन खाँ की मौत हो चुकी है।
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