छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की इस चुनावी परिणाम में एक अनोखी बात देखने को मिली। दरअसल इस चुनाव में प्रदेश के साजा विधानसभा सीट से एक खेती किसानी करने वाले आम मजदूर ईश्वर साहू को भाजपा ने टिकट दिया।
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जिसके बाद उसने कांग्रेस पार्टी से सात बार के विधायक और मंत्री रहे रविंद्र चौबे को बुरी तरह हरा दिया था। जिसके बाद हर कोई जानना चाहता है कि आखिर कौन है ईश्वर साहू जिसपर पार्टी ने इतना भरोसा जताया था।
ने दंगों में खोया अपना बेटा
साजा विधानसभा के नए विधायक ईश्वर का जीवन तब पूरी तरह से बदल गया जब 8 अप्रेल को प्रदेश के बेमेतरा के बिरनपुर में दो समुदायों के बीच बड़ा दंगा हुआ। इस दंगे में हुई हिंसा के बीच ईश्वर साहू के जवान बेटे की मौत हो गई। जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने 10 अप्रेल को छत्तीसगढ़ बंद करने का बड़ा फैसला किया इस दौरान बवाल मच गया और कई जगह आगजनी की घटनाँए भी हुई।
भाजपा ने भूपेश से की इस्तीफे की मांग
इस घटना को राजनैतिक रूप देते हुए भाजपा ने छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा और उनके इस्तीफे की मांग रखी। जिसके बाद प्रदेश सरकार ऐक्शन में आई और जांच के आदेश दिए। साथ ही पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया।
आम मजदूर से हार गए कांग्रेस पार्टी के मंत्री
प्रदेश में विधानसभा चुनाव आने पर भारतीय जनता पार्टी ने दंगों में अपना बेटा खोने वाले ईश्वर साहू को टिकट दिया। यह चुनाव वैसे तो ईश्वर के लिए आसान नहीं था क्योंकि उनके विपक्ष में क्षेत्र से 7 बार विधायक रहे और कांग्रेस के मंत्री पद पर रहे रविंद्र चौबे थे। लेकिन इसके बाद भी ईश्वर साहू ने उन्हें 5000 से भी ज्यादा वोटों से हरा दिया।