Aayudh

कौन है अरुण योगीराज जिनकी बनाई गई प्रतिमा होगी अयोध्या में विराजमान

अरुण योगीराज

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत हो चुकी है इस विधि में कल यानी 17 जनवरी को रामलाल की प्रतिमा का मंदिर परिसर में प्रवेश होगा। आप सभी ये जानते होंगे कि इस प्रतिमा को बनाने वाले कर्नाटक के प्रसिद्ध शिल्पकार अरुण योगीराज है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 37 साल के योगीराज की प्रतिमा को चुनने के पीछे का कारण क्या है।

योगीराज की प्रतिमा भारत के उस पुरातन शिल्पकला को दर्शाती है ,जिसकी झलक हम दक्षिण भारत के कई मंदिरों जैसे कोणार्क का सूर्य मंदिर, एलोरा का प्रसिद्ध कैलाश मंदिर, तमिल नाडु का ब्रिहिदेश्वर मंदिर जहां मंदिर की बाहरी शिल्पकला, उनकी दीवारों पर की गई नक्काशी और उनकी बोलती हुई मूर्तियां में साफ दिखाई देती है।

क्यों चुना गया अरुण योगीराज की बनाई प्रतिमा को

योगीराज हैं तो 37 साल के पर उनकी शिल्प कला में उनके पूर्वजों की कला छिपी हुई है। अरुण योगीराज के परदादा मैसूर महल के शिल्पकार थे। जिससे ये काला अब अरुण के अंदर नजर आती है। लेकिन शुरुआती दौर में अरुण को शिल्पकला में अपना भविष्य बनाने का मन नहीं था और उन्होंने mba कर कॉर्पोरेट वर्ल्ड में भी नौकरी की जिसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि शिल्पकला ही उनकी जिंदगी है। और हमारे भारत देश में हमेशा से ही कलाकारों को बढ़ावा देने की रीत चली आई है फिर चाहे वो पहले के राजा महाराजा हो या आज की सरकार ,सभी ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहन देते है जिस से कलाकार अपनी प्रतिभा को और विकसित कर सके।

अरुण योगीराज ने बनाई है कई सारी मूर्तियां

अरुण योगीराज ने राम लला की मूर्ति से पहले भी कई मूर्तियां बनाई है जिन्हें प्राचीन भारत की उत्कृष्ट शिल्पकला की श्रेणियों में गिना जाता है जिनमे केदारनाथ में लगी 12 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की प्रतिमा, दिल्ली के इंडिया गेट के करीब लगी सुभाषचंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा जिसके लिए उन्हें प्रधानमंत्री ने भी सराहा था।

साथ ही आपको बतादे कि उन्हें दिल्ली के जैसलमेर हाउस में स्थापित करने के लिए डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति बनाने का काम भी सौंपा गया है. न्याय विभाग की ओर से मिले इस काम को उन्हें फरवरी तक पूरा करना है. गृह मंत्री अमित शाह 14 अप्रैल को इसका उद्घाटन कर सकते हैं. बेटे की इस उन्नति को देखकर उनकी मां सरस्वती का कहना है उन्हें इस बात की बहुत खुशी है कि उनके बेटे की मूर्ति को चुना गया साथ ही वह बताती है कि योगीराज ने उन्हें भी प्रतिमा के दर्शन नहीं कराए है।

ये भी देखें- Premanand Ji Maharaj से सुनिए की कैसी सुखी रहें अपने जीवनसाथी के साथ। Hit Premanand Ji Maharaj

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *