सनातन धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन ही ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है और लोग बसंती रंग के वस्त्र धारण करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन क्यों मां सरस्वती की पूजा होती है और क्यों लोग इस दिन पीले या वसंती वस्त्र पहनते हैं अगर नहीं तो इस लेख में हम आपको बताएंगे।
बसंत पंचमी का महत्व
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथी को बसंत पंचमी कह जाता है। इस दिन का सनातान धर्म में विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन प्रकृति अपने नए रूप को धारण करती है। इस समय मौसम सबसे सुहाना होता है। खेतों में सरसों के पीले फूल लहराते हैं और सभी भक्त वसंती वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं। इस दिन पीला रंग इसलिए पहना जाता है क्योंकि यह प्रकृति को दर्शाता है साथ ही धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भी यह रंग काफी शुभ माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था। बताया जाता है कि जब ब्रम्हा जी ने श्रृष्टी की रचना की उस दौरान उन्होंने अपने कमंडल से जल निकाला। उससे ही छः भुजाओं वोली श्वेत वस्त्र धारण किए मां सरस्वती का जन्म हुआ।
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