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संत उमेश नाथ महाराज को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने के पीछे क्या है रणनीति

संत उमेश नाथ महाराज

मध्यप्रदेश में बुधवार को भाजपा ने राज्यसभा के लिए 4 उम्मीदवारों के नाम जारी किए गए जिसमें से एक नाम ऐसा है जिसने सभी को चौका दिया, ये नाम है योगी संत उमेश नाथ महाराज का। आप नाम सुनकर ही समझ गए होंगे कि ये कोई संत है, जी हां संत उमेश नाथ जी महराज एक बाल योगी है ,महाराज उज्जैन के वाल्मीकि धाम आश्रम के प्रमुख पीठाधीश्वर है और अब भारतीय जनता पार्टी के राजसभा उम्मीदवार चुने गए है।

कौन हैं संत उमेश नाथ महाराज

अगर इनके जीवन की बात की जाए तो संत महाराज का जीवन सादगी से भरा हुआ है आज भी वो जिस आश्रम में रहते है उसमें गुरुकुल जैसी व्यवस्था है और पाश्चात्य सभ्यता का कोई नामोनिशान नहीं है। इस स्थान पर देश के उच्च कोटि के संत शिरोमणि, समाज सेवक, बड़े राजनेता , प्रशासनिक अधिकारी सभी अपने स्तर पर संत उमेश नाथ जी से आशीर्वाद प्राप्त करने तथा मार्गदर्शन लेने के लिए निरंतर आते रहते हैं जिनमे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन राव भागवत ,सहित तमाम बड़े नेता शामिल है।

आपको बता दें कि संत महाराज बाल्यकाल से ही संत बन गए थे जिसके बाद आज उनकी ख्याति देश विदेश में फैली हुई है महाराज को कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन जब मीडिया द्वारा उनसे उनके राज्यसभा चयन के बारे में पूछ गया तो उनका कहना था कि उन्हें पहले से इस बात की भनक भी नही थी ये जिम्मेदारी उनको मिल सकती है।

भाजपा ने क्यों चुना संत का चेहरा

वाल्मीकी समाज के बड़े संत उमेश नाथजी महाराज के आश्रम पर बीजेपी नेताओं का आना-जाना लगा रहता है। साल 2016 में उज्जैन के सिंहस्थ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वाल्मीकि घाट पर साधु-संतों के साथ स्नान किया था।वहीं पूरे मालवा-निमाड़ में उमेश नाथ महाराज का अच्छा प्रभाव माना जाता है। महाराज से संघ प्रमुख मोहन भागवत भी आशीर्वाद लेने आ चुके हैं।उनकी संघ से नज़दीकी के कारण ही शायद उनको टिकट दिया गया है।बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी महाराज के संबध हैं।

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