ममता बनर्जी ने एनआरसी के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रवासी मजदूरों के नाम मतदाता सूची में शामिल होने की सलाह दी और उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों के कूचबिहार के लोगों को बीएसएफ के पत्र स्वीकार नहीं करने की चेतावनी दी, उनका आरोप था कि ऐसा करके वे एनआरसी के दायरे में आ सकते हैं।
ममता बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के दावे का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने राज्य में एक सप्ताह के भीतर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) CAA को लागू होने का दावा किया था। ममता ने बीजेपी पर राजनीतिक हंगामा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने पहले ही बंगाल में शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान कर दी है। यहां के हर नागरिक को सरकारी लाभ दिए जाते हैं।
उन्होंने बीएसएफ की आलोचना की और बीएसएफ को आदेश दिया कि अगर हिंसा की कोई घटना होती है तो इसे एफआईआर में दर्ज किया जाए। ममता ने अपनी सरकार से सहायता प्रदान करने के लिए स्वयं सहायता समूहों से समर्थन जारी रखने की अपील की है। इसी के साथ उत्तर बंगाल के लिए 500 करोड़ रुपये की 198 परियोजनाओं का ऐलान करने के साथ ही केंद्र
पर ग्रामीण सड़कों के लिए और ओबीसी के लिए छात्रवृत्ती ना देने का इल्जाम लगाया है।
भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने हिंसा भड़काई है और उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा नहीं की है। वह टीएमसी सुप्रीमो के रूप में केंद्र की सनक के आगे घुटने नहीं टेकेंगी और कहा कि वह उनके आदेशों का पालन नहीं करेंगी। इसके अलावा, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने (सीएए) CAA को लेकर केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर के बयान पर कहा कि यह चुनावी जुमला के अलावा कुछ नहीं है और उन्होंने पूछा कि अगर वे गंभीर थे तो चार सालों में (सीएए) CAA के नियम क्यों नहीं बनाए।
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