Waqf Amendment Bill : 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में Waqf Amendment Bill 2024 को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। इस विधेयक को केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया।
इस विधेयक को वक़्फ की सम्पतियों में पारदर्शिता बनाये रखने के लिए लाया गया है। हालांकि, विपक्ष ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया, जिससे सदन में हंगामा शुरू हो गया।
Waqf Amendment Bill : किरेन रिजिजू ने किया समर्थन
केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह किसी धार्मिक संस्था के प्रबंधन में हस्तक्षेप नहीं करता है बल्कि इसका मकसद वक्फ संपत्तियों को पारदर्शी और तकनीकी रूप से बेहतर तरीके से संचालित करना है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में संसद भवन और CGO कॉम्प्लेक्स जैसी संपत्तियां भी वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की जा सकती थीं।
रिजिजू ने यह भी कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श किया, जिसमें 97.27 लाख याचिकाएं और 284 प्रतिनिधिमंडलों की राय शामिल की गई। सरकार का तर्क है कि यह विधेयक गरीब मुस्लिमों को मुख्यधारा में लाने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए जरूरी है।
विपक्ष का विरोध
कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक ने इस विधेयक को संविधान के खिलाफ बताया और इसका पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल संरचना पर हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस कानून के जरिए अल्पसंख्यक समुदायों को बदनाम करना, समाज को बांटना और उनके अधिकारों को छीनना चाहती है। गोगोई ने यह भी कहा कि BJP शासित राज्यों में ईद के दौरान सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाई गई, जो धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है।
समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया। विपक्ष का कहना है कि JPC में उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया और विधेयक को जल्दबाजी में पारित करने की कोशिश की जा रही है।
सत्तापक्ष का जवाब
रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने पूछा, “अगर भारत में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, तो मुस्लिम समुदाय गरीब क्यों है?” उन्होंने कहा कि यह विधेयक गरीब मुस्लिमों के हित में है और इसे वोट बैंक की राजनीति से जोड़ना गलत है।
BJP सांसद जगदंबिका पाल, जो JPC के अध्यक्ष हैं, उन्होंने भी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह पारदर्शिता लाने के लिए है।
लोकसभा में आठ घंटे की लंबी बहस के बाद विधेयक पर मतदान की उम्मीद है। एनडीए के पास बहुमत होने के कारण इसके पारित होने की संभावना ज्यादा है।
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