Aayudh

PayTM के फाउन्डर विजय शेखर OpenAI से क्यों चिंतित है?

Vijay Shekhar upset on increasing AI power

ChatGPT निर्माता, OpenAI ने अपने नए ब्लॉग पोस्ट मे बताया है की “Superintelligence” इसी दसक में आ सकती है।

भारत: PayTM के फाउन्डर विजय शेखर शर्मा ने अत्यधिक एडवांस्ड AI सिस्टम के विकास के कारण संभावित अशक्तिकरण और यहां तक ​​कि मानवता के विलुप्त होने के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने ओपनएआई के हालिया ब्लॉग पोस्ट का हवाला देते हुए एक ट्वीट में अपनी चिंताएं साझा कीं।





क्या था OpenAI के ब्लॉग पोस्ट में?

दरअसल OpenAI की एक नई ब्लॉग पोस्ट आई है जिसका शीर्षक है “Introducing Superalignment”। इसमे उन्होंने ये बताया है की सुपरिन्टेलिजेंस जिसका मतलब है एक काल्पनिक एजेंट जिसके पास सबसे प्रतिभाशाली मानव दिमागों से कहीं अधिक बुद्धि होती है।
OpenAI initiative

पहले ये काल्पनिक लगता था पर इस पोस्ट के अनुसार कुछ 7 सालों मे ऐसा मुमकिन हो सकता है। अभी AI को और भी वैज्ञानिक और तकनीकी आविष्कारों की जरूरत है जिससे वो इंसानी दिमाग से भी आगे बढ़ जाए।


OpenAI इसमे महत्वपूर्ण कंप्यूटिंग शक्ति समर्पित कर रहा है और इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए इल्या सुतस्केवर और जान लेइक के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर रहा है।


पोस्ट मे भी डाला गया है की सुपरइंटेलिजेंस से जुड़े जोखिमों के प्रबंधन के लिए नए शासन संस्थानों और एआई सिस्टम को मानवीय इरादे से संरेखित करने की चुनौती को हल करने की आवश्यकता है।


इसी पर विजय शेखर ने चिंता जताते हुए कहा की वो सच मे भयभीत है ये देखकर की कुछ लोगों और देशों के पास इस क्षेत्र मे पहले से ही कितनी ज्यादा शक्तियां आ गई है।

Vijay Shekhar tweet

OpenAI आगे क्या करने वाला है?

ओपनएआई के दृष्टिकोण में एक स्वचालित संरेखण शोधकर्ता का निर्माण शामिल है जो मोटे तौर पर मानव-स्तर की बुद्धिमत्ता पर काम करता है। 
OpenAI स्वीकार करता है कि उनकी अनुसंधान प्राथमिकताएँ विकसित होंगी, और वे भविष्य में अपने रोडमैप के बारे में अधिक विवरण साझा करने की योजना बना रहे हैं। वे अधीक्षण संरेखण की समस्या पर काम करने के लिए शीर्ष मशीन लर्निंग शोधकर्ताओं और इंजीनियरों की एक टीम को इकट्ठा कर रहे हैं।

Read about: डागु ग्लेशियर को सूर्य किरण से बचाने के लिए क्या कर रहे है चीनी?

https://aayudh.org/chinese-saving-melting-dagu-glacier/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *