इस समय की सबके बड़े खबर सामने आ रही है कि उत्तराखंड में ucc बिल को मंजूरी मिल गई है। जी हां लाख विरोध होने के बाद ही प्रदेश में ucc कानून लागू होने वाला है। अब केवल राज्यपाल के एक हस्ताक्षर की देरी है और प्रदेश में कानून लागू हो जायेगा।
साल 2022 में कर दिया था ऐलान
बतादें कि यह कानून प्रदेश की जनता पर समानता से लागू किया जाएगा। हालांकि इसमें प्रदेश की अनुसूचित जातियों को नहीं गिना जाएगा। साल 2022 में सरकार बनाते समय ही बीजेपी द्वारा ucc को लागू करने की बात कह दी गई थी । जिसके बाद उत्तराखंड इसे लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। इस कानून को उत्तराखंड में पहली बार लागू किया जाना एक तरह से ucc कानून का ट्रायल भी कहा जा सकता है।
क्या है UCC बिल की खास बातें
यूनीफर्म सिविल कोड कानून में मुख्य तौर पर विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, उत्ताधिकारी और दस्तकग्रहण यानी गोदलेना से जुड़ी बातें है। साथ ही हम आपको बताते चलते हैं कि इस कानून का किसी भी प्रकार से हिंदू- मुस्लिम से ताल्लुक़ नहीं हैं, ये मोजोरिटी या माइनरिटी का बातें भी नहीं करता है। ये एक प्रोग्रेसिव कानून है क्योंकि इसका सीधा उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को अधिकारों को दिलाना है ना कि किसी भी प्रकार से अधिकारों को छीनना। हम आपको ये भी स्पष्ट कर देते हैं कि इस कानून के लागू होने पर किसी भी धर्म के शादी व्याह के रीति रिवाजों पर कोई असर नहीं होगा और ना ही किसी भी जन जाती की रीति रिवोजों और मान्यताओं पर प्रभाव पड़ेगा।
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के जबलपुर में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका