बुधवार शाम को उत्तराखंड (Uttarakhand) की देवभूमि कहे जाने वाले क्षेत्र हल्द्वानी में कट्टर पंथियों ने इस कदर हिंसा को अंजाम दिया कि 2 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। पर कई जानकार लोगों के मुताबिक इस घटना के पीछे की वजह मुस्लिम समूदाय की नाराज़गी नहीं हैं बल्कि ये हिंसा एक सोची समझी साझिश का हिस्सा है।
क्या है (Uttarakhand) हल्द्वानी हिंसा का पूरा मामला
उत्तराखंड हाईकार्ट के आदेश पर ऐसी सभी जगह जहाँ अतिक्रमण किया गया हो वहाँ कारवाई के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत ही नगर निगम ने शासकीय भूमि पर बनी एक मस्जिद और मदरसे पर बुलडोजर चलाई जिसके बाद पुलिस बल पर पथराव किया गया, पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने के प्रयास किए गए, गोलियां चलाई गई और पैट्रोल बम फेंके गए। इस हिंसा में 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए वहीं दो लोगों की मौत होने की बात सामने आई।
DM ने बताया हिंसा को साज़िश
डीएम वंदना सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि कारवाई केवल अवैध निर्माणों पर ही की जा रही थी। जिसकी सूचना पहली ही दी गई थी। उनका कहना है कि आरोपियों ने पहले से ही प्लानिंग कर रखी थी । जैसे ही टीम कारवाई करने गई वैसे ही अचानक से बड़ी संख्या में लोग आए और टीम पर हमला करना शुरू कर दिया।
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