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पवित्रता की प्रतिज्ञा करना ही सच्ची राखी मनाना है

राखी सिर्फ एक धागा नहीं है बल्कि पवित्रता की प्रतिज्ञा करना है. एक परमात्मा की याद में रहना ही सच्ची राखी मनाना है. भोपाल के राजयोग भवन में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. सभी को रक्षा सूत्र बांधकर परमात्मा शिव की याद में रहने और अपने जीवन में दिव्य गुणों की धारणा करने का संदेश दिया.

बी.के. आकृति दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताया:


बी.के. आकृति दीदी ने रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए बताया कि जब बहनें भाई को तिलक लगाए तो आत्मिक स्मृति का तिलक लगाए. सभी के प्रति आत्मिक दृष्टि हो. जब बहनें भाइयों को राखी बांधे तो वह रक्षा सूत्र सिर्फ एक के लिए नहीं हो बल्कि सभी को एक सूत्र में पिरोने के लिए हो. भाई संसार की हर बहन और बेटी का सम्मान करें. मिठाई खिलाने का अर्थ है अपनी सोच, बोल और कम से हर किसी को सुख देना और सब के प्रति शुभ भावना रखना. रक्षा बंधन का पर्व वसुधैव कुटुंबकम् को फिर से जागृत करने का पर्व है.

सभी ने रक्षा बंधन पर प्रतिज्ञा की जो इस प्रकार है:

  1. हम निराकार ज्योतिर्बिंदु स्वरूप परमात्मा को सदैव याद करेंगे.
  2. विश्व की सभी आत्माओं के प्रति सदा शुभ भावना शुभकामना रखेंगे.
  3. हम कभी किसी की कमी कमजोरी को नहीं देखेंगे सभी की विशेषता देखेंगे तथा वर्णन करेंगे.
  4. हम परमात्मा की याद से मनोविकारों पर विजय प्राप्त कर स्वराज्य अधिकारी बनेंगे.
  5. कभी भी किसी भी नशे का सेवन नहीं करेंगे स्वयं नशा मुक्त बनेंगे औरों को भी नशा मुक्त बनाएंगे.
  6. हम अपनी मातृभूमि एंव अपने वरिष्ठ जनों का कन्याओं तथा नारियों का समस्त सुरक्षाकर्मियों का तथा सभी धर्म का सदैव सम्मान करेंगे.
  7. हम अपने आसपास के परिसर को स्वच्छ रखने का प्रयास करेंगे और दूसरों को भी स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे.
  8. हम बिजली, पानी, पेड़ -पौधों तथा पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन करेंगे. इस अवसर पर बड़ी संख्या में सभी ने रक्षा सूत्र बंधवा कर परमात्मा को अपना भाई, सखा हर रूप से याद करने का दृढ़ संकल्प लिया.

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