अब से लगभग एक महीने बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है। मध्य प्रदेश में जहाँ बीजेपी की सर्कार है तो वहीँ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सर्कार है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल युवा वोटर्स को साधने में लगे है। वहीँ जहाँ एमपी में बीजेपी सत्ता में बने रहने की हर मुमकिन कोशिश में है तो वही कांग्रेस तख्तापलट करने का प्रयास कर रही है। चुनावी माहौल में मध्य प्रदेश कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर जमकर आरोप भी लगा रहे हैं। सबसे बड़ा आरोप है बेरोजगारी का, जिसे लेकर कमलनाथ और पूरी कांग्रेस पार्टी लगातार शिवराज सरकार पर हमलावर है।
आपको बता दें, नेशनल सैंपल सर्वे के आंकड़े तो कुछ और ही बयां कर रहे हैं। दरअसल ,नेशनल सैंपल सर्वे ने हाल ही में 15 से 29 आयु वर्ग के युवाओं के बीच बेरोजगारी के स्तर के आंकड़े जारी किए है। इस आंकड़े से मालूम चलता है कि , जिन 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें सबसे कम बेरोजगार युवा मध्यप्रदेश में हैं। इन आंकड़ों के अनुसार 2022-23 वित्तीय वर्ष में 15 से 29 वर्ष के आयु वाले युवाओं की बेरोजगारी दर राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम में राष्ट्रीय औसत से अधिक है। वहीं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में यह दर राष्ट्रीय औसत से कम है। राजस्थान में युवा बेरोजगारी दर 12.5 प्रतिशत दर्ज की गई। मिजोरम में 11.9 प्रतिशत, तेलंगाना में 15.1 प्रतिशत,दर्ज की गई है। वहीं छत्तीसगढ़ में 7.1 प्रतिशत और सबसे कम मध्यप्रदेश में 4.4 प्रतिशत की बेरोजगारी दर्ज की गई है।
महिला युवाओं में भी सबसे कम हैं एमपी
इस सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि, महिला युवाओं के मामले में भी बेरोजगारी दर मध्य प्रदेश में सबसे कम सिर्फ 3.9 प्रतिशत है। वहीँ तेलंगाना में 16.2 प्रतिशत, मिजोरम में 16.4 प्रतिशत,छत्तीसगढ़ में 6.1 प्रतिशत है. ऐसे में चुनावी राज्यों में बेरोजगारी के मामले में सबसे टॉप पर तेलंगाना और सबसे कम बेरोजगारी मध्यप्रदेश में है।
इन आंकड़ो ने राजनेताओं को चौंका दिया है। अब देखना ये होगा की इस सर्वे का असर विधानसभा चुनाव में दिखेगा।
ये भी पढ़े – कुछ ही देर में दिल्ली में कांग्रेस चुनाव समिति की बड़ी बैठक शुरू होगी