आपने राम मंदिर के हर कारसेवक में ज़ुबान पर क नारा ज़रूर सुना होगा। “रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनांएगे” यह नारा देने वाले व्यक्ति हैं बाबा सत्यनारायण मौर्य। जिन्हें राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण भी दिया गया है।
कौन हैं राम मंदिर आंदोलन में नारा देने वाला ये कारसेवक
राम मंदिर आंदोलन के दौरान मशहूर हुए नारे जैसे “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे” के प्रणेता बाबा सत्यनारायण मौर्य हैं। बतादें कि ये भी एक कारसेवक हैं जिसने अपने आप को पूरी तरह से श्रीराम मंदिर को समर्पित कर दिया था। घुमक्कड़ बाबा के नाम से मशहूर इस कारसेवक ने एक ओर अपनी चित्रकला से राम मंदिर आंदोलन की अलक जगा कर रखी तो दूसरी ओर मंच से कारसेवकों को भी आत्मविश्वास दिया। जितना प्रभाव इनके द्वारा उकेरे गए चित्र डालते थे उतनी ही ऊर्जा का संचार इनके शब्दों से होता था।
राम मंदिर के लिए बाबा सत्यनारायण ने छोड़ दी ने पढ़ाई
बाबा सत्यनारायण मूल रूप से राजगढ़ के रहते वाले हैं। उनके पिता शिक्षक थे और उनके भाई बहन भी शिक्षक ही हैं।कारसेवक गोल्डमेडिलिस्ट थे पर उन्होंने शिक्षक बनने की जगह राम सेवक बनने को चुना। वह अपनी चित्रकला के माध्यम से दीवारों पर रामलला की आकृति बनाते थे। जैसे ही उन्हें मौका मिला वह कारसेवा के लिए अयोध्या चल दिए। अयोध्या की गली गली में बाबा ने आंदोलन की अलक जलाई। बाबा ने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबरी ढांचे की जगह बैनर के कपड़े से अस्थायी मंदिर बनाया था।
बाबा सत्यनारायण ने दिए ये मशहूर नारे
कारसेवक ने राम मंदिर आंदोलन के समय “सौगंध राम की खाते हैं हम मंदिर वहीं बनाएंगे “नारा दिया । आगे जाकर जिसके साथ “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे” जैसी पंक्ति जुड़ गई। साथ ही “रक्त देंगे प्राण देंगे मंदिर वहीं बनाएंगे” जैसे नारे भी काफी मशहूर हुए।
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