जब भी भारतीय महिलाओं के श्रृंगार की बात आती है तो हमेशा 16 श्रृंगारों के बारे में बात की जाती है लेकिन ये सोलह श्रृंगार कौन कौन से हैं जिन्हें हर सुहागिन महिला को अवश्य धारण करना चाहिए।
ये हैं महिलाओं के सोलह श्रृंगार-
स्नान- जी हैं स्नान की गिनती भी महिलाओं को 16 श्रृंगार में की जाती है।
सुंदर वस्त्र– महिलाओं की शोभा उनके सुंदर वस्त्रों से होती है जिनमें उनका तन ढका होता है।
इत्र– महिलाओं के 16 श्रृंगार में इत्र भी शामिल है, महिलाओं को हमोशा सुंगंधित इत्र लगाना चाहिए।
मांग टीका– सुहागिन महिलाओं के गहनों में मांग टीका हमोशा धारण करना चाहिए।
सिंदूर– महिलाओं के 16 श्रृंगार में सबसे विशेष सिंदूर है जिसे सुहागिन स्त्री को कभी भी अलग नहीं करना चाहिए।
बिंदी– सुहागिन स्त्रियों के श्रृंगार में माथे पर बिंदी उतनी ही ज़रूरी है जितना मांग में सिंदूर।
झुमके – कानों में झुमके या बालियां, भारतीय संस्कृति में ये श्रृंगार महिलाओं के अलावा पुरुषों द्वारा भी किया जाता है।
मंगलसूत्र- महिलाओं को अपने मंगलसूत्र को भी अपने से अलग नहीं करना चाहिए।
चूड़ियां- महिलाओं के सोलह श्रृंगार में चूड़ियों को भी गिना जाता है।
मेहंदी– सुहागिन स्त्रियों को हमेशा अपने हाथों में मेहंदी लगाना चाहिए।

गजरा– महिलाओं को अपने बालों में सुंदर और सुगंधित गजरा धारण करना चाहिए।
बाजूबंद– सुहागिन महिलाओं को अपने बाजुओं में बाजूबंद पहन ना चाहिए।
कमरबंद- महिलाओं को अपनी कमर में सुंदर लड़ों वाला कमरबंद धारण करना चाहिए।
पायल- सुहागिन स्त्रियों को कभी सूने पैर नहीं रहना चाहिए हमेशा पायल धारण करनी चाहिए।
बिछूड़ी– सुहागिन स्त्रियों को शादी के वक्त बिछूड़ी पहनाई जाती है, जिसके बाद महिलाओं को कभी बिना बिछूड़ी के नहीं रहना चाहिए।
महावर– महावर सुहागिनों को हमेशा अपने पैरों में सुंदर लाल रंग का महावर लगाना चाहिए।
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