RBI Monetary Policy: केंद्रीय बैंक ने अपनी फरवरी की मौद्रिक नीति ( Monetary Policy) में लागातार छठी बार रेपो रेट को उसी क्रम में 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा था। 5 अप्रैल यानी आज वित्त वर्ष 2024-25 की पहली भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा था कि चुनाव से ठीक पहले आरबीआई इस बार अपने फैसले से हर किसी को चौंका सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ आरबीआई ने लागातार 7वीं बार मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में रेपो रेट (सरकारी प्रतिभूतियों से लघु-अवधि उधार) को स्थिर रखने का फैसला लिया है। इसका मतलब साफ है कि आपको ईएमआई में राहत अभी नहीं मिलेगी। वहीं पुरानी को फॉलो करना होगा।
आपने देखा होगा कि मई 2022 और फरवरी 2023 के बीच आरबीआई मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy) की बैठक में रेपो दर को 250 बीपीएस बढ़ाया गया था, लेकिन इसके बाद से रेपो रेट में बिल्कुल भी बदलाव नही. हुआ है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली आरबीआई मौद्रिक नीति (RBI Monetary Policy) में रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है। केंद्रीय बैंक ने लगातार 7वीं बार मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर ही स्थिर रखा है।
RBI Monetary Policy: आने वाले वित्त वर्ष में 7 फीसदी की ग्रोथ से बढ़ेगी भारत की GDP
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत अर्थव्यस्था 7 फिसदी की रफ्तार से बढ़ेगी। इसी के साथ वित्त वर्ष 2025 पहले तिमाही नें GDP की असली बढ़ोतरी 7.1 फीसदी, फिर दूसरी तिमाही में घटकर 6.9 फीसदी और तीसरे-चौथे तिमाही में GDP की ग्रोथ फिर से 7 फीसदी होने का अनुमान है।
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