फिल्मी जगत में या फिर टीवी शोज़ में हिंदू देवी देवताओं से जुड़े कई प्रोग्राम बनाए जाते हैं। अपने शो को और ज्यादा मसालेदार बनाने के लिए शो के निर्माता कथाओं के किरदारों को तोड़ मरोड़ कर बताने लगते हैं। इसी तरह से कई हिंदू देवी देवताओं की अलग ही छवि तोड़ मरोड़ कर लोगों के दिमागों में बैठ दी गई है।
इन देवी देवताओं की बताई गलत छवि
नारद मुनी को बताया मजाकिया
फिल्मी जगत में नारदजी के किरदार को बेहद मज़ाकिया बताया जाता है साथ ही उनकी छवि चुगलखोर या आग लगाने वाले जैसी बना दी है। लेकिन शास्त्रों ने नारदजी को भक्त शिरोमणि की उपाधी दी है उन्होंने ही ध्रुव और प्रहलाद जैसे भक्तों को भक्ती दी है।
संतोषी मां मानी जाती है काल्पनिक
माना जाता है कि सन् 1975 में आई एक फिल्म जय मां संतोषी के आने बाद से ही इस नाम की देवी के बारे में लोग जान पाए हैं। वहीं विद्वानों का कहना ऐसा भी है कि हिंदू धर्म ग्रंथों में भी इनका कोई वर्णन नहीं हैं इसलिए माना जाता है कि यह फिल्म निर्माताओं केवल एक कल्पना मात्र हैं।
राधा कौन थी बताने में रहे असमर्थ
फिल्मों और टीवी शोज़ में श्रीराधा का किरदार कोफी बड़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है। शास्त्रों में वर्णन है कि राधा कृष्ण की प्रेमिका नहीं बल्कि कृष्ण की स्वामिनी है जिनके चरणों की सेवा में स्वयं त्रिलोकाधिपति श्रीकृष्ण रहते हैं, राधा उनकी ही अह्लादिनी शक्ति है।
कृष्ण की छवी को बताया गलत
फिल्म और टीवी शोज़ ने भगवान श्रीकृष्ण के किरदार को भी गलत ढंग से लोगों के सामने प्रस्तुत किया है। भगवान श्री कृष्ण की माखन चोरी लीला, वस्त्र हरण लीला, रास क्रीडा इन सभी को गलत तरह से लोगों को परोसा गया है।
शिव के रंग के बारे में बनाया भ्रम
फिल्मों और टीवी शोज़ ने भगवान शंकर के वर्ण यानी की रंग के आप सभी के समक्ष गलत प्रस्तुत किया है। अक्सर उनको सांवले या नीले रंग में दिखाया जाता है लेकिन शास्त्र कहते हैं कि भगवान शंकर का रूप कपूर के समान गौर यानी गोरा है।
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