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कौन है रॉकेट वूमेन जिसे बनाया गया चंद्रयान-3 का मिशन डायरेक्टर

आज चंद्रयान 3 ने ,श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.चंद्रयान को चन्द्रमा तक पहुँचने के लिए करीब 42 दिन लग सकते हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की मेहनत से चंद्रयान 30,000,00 किमी की दूरी तय करके चन्द्रमा तक पहुचेगा.

यदि इस मिशन में ISRO कामयाब हो जाता है तो भारत का नाम भी एलीट लिस्ट में शामिल हो जायेगा.भारत की रॉकेट वूमेन के नाम से प्रसिद्द DR. ऋतु सिंह करिधाल मिशन डायरेक्टर की भूमिका निभा रही हैं.

रॉकेट वूमेन ऋतु सिंह

आज पूरे विश्व की निगाहें भारत पर टिकी हैं क्योंकि आज भारत ने अपना तीसरा चंद्रयान चन्द्रमा की ओर रवाना कर दिया.चंद्रयान की लैंडिंग में करीब एक महीने से जादा समय लग जायेगा.मिशन की ख़ास बात तो ये है कि इसे फ्रंट से लीड कर रही हैं रॉकेट वूमेन के नाम से मशहूर ISRO साइंटिस्ट DR. ऋतु सिंह करिधाल श्रीवास्तव .

रॉकेट वूमेन  ऋतु सिंह

ऋतु को मिशन डायरेक्टर की ज़िम्मेदारी दी गयी है. ऋतू ने चंद्रयान 2 के समय डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर के तौर पर काम किया था और उसे काबिले तारीफ काम के चलते ही उन्हें चंद्रयान 3 में मिशन डायरेक्टर बनाया है.ऋतू ने अपनी काबिलियत के दम से ये कर दिखाया कि महिलाऐं अब विज्ञान में भी आगे हैं.

ये हैं उपलब्धियां

लखनऊ में पली बड़ी ऋतू ने लखनऊ विश्वविध्यालय से भोतिकी में एमएससी की.इसके बाद विज्ञान और अंतरिक्ष में रूचि होने के कारण बैंगलोर के भारतीय विज्ञान संस्थान में प्रवेश लिया.फिर ऋतू ने ISRO ज्वाइन किया. रोकिट वूमेन ने अपनी जिंदिगी में कई उपलब्धियां प्राप्त की है. इन्हें यंगेस्ट साइंटिस्ट का अवार्ड APJ अबदुलकलाम के हाथ से प्राप्त हुआ था.

मार्स ऑर्बिटर मिशन के लिए ISRO टीम पुरूस्कार,ASI टीम पुरूस्कार और महिला उपलब्धि पुरूस्कार से सम्मानित किया जा चूका है . और अब DR. ऋतु सिंह करिधाल के कंधे पर ही चंद्रयान 3 की सुरक्षित लैंडिंग की ज़िम्मेदारी है.

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