Sushila karki: नेपाल में आंतरिम सरकार को लेकर सहमति बन गई है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस सुशीला कार्की को राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। जिसके बाद नेपाल को सुशीला कार्की के रूप में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री मिलेंगी।
जानकारी के लिए बता दें कि सुशीला कार्की पिछले कई सालों से नेपाल सरकार का विरोध कर रही है। उन्होंने बतौर मुख्य न्यायधीश रहते हुए भी भ्रष्ट सरकार के खिलाफ कई निर्णायक फैसले किए। जिसके जिसके चलते युवाओं में उनकी लोकप्रियता बढ़ी। इतना ही नहीं बल्कि साल 2017 में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी लाया गया था, जिसका विरोध देश भर में व्यापक रूप से किया गया और उसे वापस लेना पड़ा।
सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनाने का समर्थन काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी किया। राष्ट्रपति भवन में देर रात तक हुई बैठक में संविधान की विशेष व्यवस्था के तहत सुशीला को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में चुना गया। इस बैठक में राष्ट्रपति समेत प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष शामिल रहे।
बैठक में हुए इस फैसले के बाद जल्द ही सुशीला कार्की को नेपाल में कार्यवाहक सरकार का प्रमुख नियुक्त किया जा सकता है। जिसके बाद उन पर आंदोलनकारी की मांगों को पूरा करते हुए चुनाव कराने का जिम्मा होगा।
विरोध प्रदर्शन के दौरान लगातार प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 19 लोगों की मौत के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री ओली ने पद छोड़ दिया था। इसी बीच सोशल मीडिया पर लगा प्रतिबंध भी सोमवार को हटा लिया गया था। ओली के इस्तीफे के बाद बढ़ते विरोध प्रदर्शन में अब तक कुल 34 लोग जान गवा चुके है।
नेपाल में लोगों का क्यों फूटा गुस्सा?
भ्रष्ट सरकार के विरोध से शुरू हुआ ये आंदोलन सोशल मीडिया बैन होने के बाद और तनावपूर्ण हो गया। जिसके बाद 8 सितंबर से Gen-Z रिवोल्यूशन के नाम पर आंदोलन का आगाज हुआ। धीरे-धीरे स्थिति सरकार के काबू से बाहर होती चली गई। आखिर में प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा को इस्तीफा देकर देश छोड़कर भागना पड़ा।
 
															 
															 
															 
             
             
					 
					