Supreme Court On Bihar SIR: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 15 सितंबर को देशभर में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR को लेकर कहा कि अगर इसकी कार्यप्रणाली में किसी भी तरह की गड़बड़ पाई गई तो इसे रद्द कर दिया जाएगा।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ किया कि फैसला एक बार में सुनाएगा, जो पूरे देश में लागू होगा। अब इस मामले में अगली सुवाई 7 अक्टूबर में होगी। इस दिन आखरी दलील पेश की जाएगी।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट का कहना है कि, चुनाव आयोग बिहार में SIR प्रक्रिया में कानून का पालन कर रहा है। लेकिन, अगर किसी भी चरण में हमे निवार्चन आयोग द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में अवैधता मिलती है तो हम पूरी प्रक्रिया को रद्द कर देंगे।
बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि वे बिहार एसआईआर और देश भर में चल रहे एसआईआर से जुड़े मुद्दों पर 7 अक्टूबर की सुनवाई में अपनी दलीलें रख सकते है।
इसके अलावा जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने 8 सितंबर के अपने आदेश को वापस लेने की मांग वाली याचिका पर भी नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को बिहार एसआईआर में आधार को 12वें जरूरी दस्तावेज के तौर पर शामिल करने का निर्देश दिया था।
कोर्ट का कहना है कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। लेकिन, वोटर लिस्ट में जुड़ने के लिए प्रस्तुत किए जाने पर चुनाव आयोग इसकी पुष्टि कर सकता है।
इस मामले की सुनवाही के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि वह यह मानकर चल रही है कि एक संवैधानिक प्राधिकारी होने के नाते चुनाव आयोग ने एसआईआर में कानून और सभी जरूरी नियमों का पालन किया है।