दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त की है। चीफ जस्टिस (CJI) सूर्यकांत ने कहा कि हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे हवा तुरंत साफ हो जाए। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कई कारण हैं और इसका हल विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को मिलकर खोजना चाहिए।
CJI ने बताया कि हाल ही में वो खुद एक घंटे टहलने के लिए बाहर गए, लेकिन प्रदूषण के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्होंने इस गंभीर समस्या का समाधान जल्दी तलाशने की आवश्यकता जताई। सुप्रीम कोर्ट ने अगले सुनवाई की तारीख 1 दिसंबर तय की है और कहा कि समाधान के लिए सभी कारणों की पहचान करना जरूरी है, क्योंकि प्रदूषण का कोई एक कारण नहीं है।
इस बीच, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-3 की पाबंदियां हटा दी हैं। हालांकि, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बुधवार को भी 327 था, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।
CJI ने यह भी कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो सुप्रीम कोर्ट वर्चुअल मोड में सुनवाई करने पर विचार कर सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति बन गई है, और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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