सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की नजरबंदी के मामले में केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन से जवाब मांगा है। यह याचिका उनकी पत्नी गीतांजलि जे. आंगमो ने दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने पति की गिरफ्तारी को चुनौती दी है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को 10 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी।
गीतांजलि आंगमो ने अपनी याचिका में कहा है कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी असहमति की आवाज को दबाने और राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। उनका कहना है कि वांगचुक को बिना किसी ठोस कारण के एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के तहत गिरफ्तार किया गया।
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था। यह कार्रवाई लद्दाख में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद हुई थी, जिसमें चार लोगों की मौत और 90 लोग घायल हुए थे। सरकार ने उन पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था।
गीतांजलि ने याचिका में यह भी बताया कि उनके पति के एनजीओ का विदेशी फंडिंग प्रमाणपत्र रद्द कर दिया गया और उनके खिलाफ कई जांचें शुरू की गईं। उन्होंने कहा कि एक सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता को यूं निशाना बनाना अन्यायपूर्ण है।
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