“पत्रकारिता सत्य की वह ज्योति है, जो अंधकार में भी राह दिखाती है।” कलम के सिपाहियों के बीच अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को कवर करने में मेन स्ट्रीम मीडिया ने भले ही ज्यादा ध्यान न दिया हो, लेकिन आयुध मीडिया ने इस क्षेत्र को पहचान दी है। जनजातीय जननायकों की जानकारी बहुत कम लोगों को थी, लेकिन आयुध ने इसे उजागर किया। यह प्रदेश की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
बुधवार शाम गुलमोहर क्षेत्र स्थित एक निजी होटल में आयुध पत्रिका का विमोचन हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कार्यक्रम में रीवा से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए। मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य क्षेत्र के सह कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध और वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र तिवारी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
इस अवसर पर स्वदेश समूह संपादक अतुल तारे, समूह सलाहकार संपादक गिरीश उपाध्याय, माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विवि के कुलपति विजय मनोहर तिवारी समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान आयुध पत्रिका का पंजीयन और डिजिटल संस्करण का विमोचन भी रिमोट के जरिए किया गया। समापन पर चंबल पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई और अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आभार माखनलाल विवि के प्राध्यापक लोकेन्द्र सिंह ने व्यक्त किया।
विशिष्ट अतिथि हेमंत मुक्तिबोध ने कहा कि आयुध मीडिया के रूप में एक अच्छा उपक्रम शुरू हुआ है। डिजिटल माध्यम पहले ही था, अब पत्रिका भी आ गई है। भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण में पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता पेशे में चुनौतियां बनी हुई हैं, लेकिन आने वाली पीढ़ियों को देश निर्माण की दिशा में तैयार करना जरूरी है।
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