Aayudh

Categories

संचार साथी ऐप विवाद: केंद्र का बड़ा बयान, कहा- ऐप ऑप्शनल है, जासूसी की आशंका नहीं

संचार साथी ऐप

केंद्र सरकार ने संचार साथी ऐप को लेकर बड़ा बयान दिया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि इस ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन फोन कंपनियों के लिए जरूरी नहीं है और यूजर इसे अपने फोन से हटा सकते हैं। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ऐप का मकसद मोबाइल चोरी, फर्जी सिम और फ्रॉड कॉल्स से लोगों की सुरक्षा करना है, न कि जासूसी।

हाल ही में दूरसंचार विभाग ने फोन कंपनियों को नए मोबाइल में ऐप इंस्टॉल करने का आदेश दिया था। इसके बाद सोशल मीडिया और विपक्ष ने इसे जासूसी एप बताकर आलोचना की। कांग्रेस नेताओं ने इसे प्राइवेसी का उल्लंघन बताया।

READ MORE: इमरान खान से बहन उजमा खान की मुलाकात, बताया स्वास्थ्य ठीक लेकिन मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं

सिंधिया ने कहा कि ऐप पूरी तरह वैकल्पिक है। अगर यूजर इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो रजिस्ट्रेशन न करें, ऐप इनएक्टिव रहेगा। ऐप केवल वही डेटा लेता है जो यूजर खुद फ्रॉड या स्पैम रिपोर्ट करते समय देता है।

सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐप कॉल्स, मैसेज, लोकेशन, माइक्रोफोन या अन्य ऐप्स तक पहुंच नहीं रखता। बेसिक परमिशन रजिस्ट्रेशन और ओटीपी के लिए हैं, जबकि एडवांस परमिशन तभी मिलती हैं जब यूजर खुद अनुमति देता है। यूजर चाहे तो परमिशन हटा सकते हैं या ऐप अनइंस्टॉल कर सकते हैं।

केंद्र का कहना है कि ऐप से काफी फायदा हुआ है। अब तक 26.6 लाख चोरी और गुम मोबाइल रिकवर हुए, 6.2 लाख फ्रॉड से जुड़े IMEI ब्लॉक किए गए, और लगभग 475 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रोकी गई।

सिंधिया ने कहा, “संचार साथी ऐप सिर्फ फ्रॉड रोकने और डिजिटल सुरक्षा के लिए है। यूजर की प्राइवेसी को कोई खतरा नहीं है।”

READ MORE: धर्मेंद्र की अस्थियां हरिद्वार में गंगा में विसर्जित, करण देओल ने किया मुख्य प्रवाह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *