केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें औसतन 1.8 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से 66% मौतें 18 से 34 साल के युवाओं की होती हैं। मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा अभी भी गंभीर चुनौती बनी हुई है।
10 मिनट में एंबुलेंस योजना
गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार राज्यों को आधुनिक एंबुलेंस उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। इसके तहत एंबुलेंस हादसे की जगह पर 10 मिनट के भीतर पहुंचेगी। IIM की एक स्टडी के अनुसार, समय पर इलाज से सालाना लगभग 50,000 जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
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सड़क निर्माण परियोजनाओं में देरी
मंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में स्वीकृत 574 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं समय से पीछे चल रही हैं, जिनकी कुल लागत 3.60 लाख करोड़ रुपये है। 133 नई परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण और वन मंजूरी में फंसी हुई हैं। सरकार इन बाधाओं को दूर करने के प्रयास में है।
स्मार्ट टोल प्रणाली 2026 तक
गडकरी ने बताया कि 2026 तक देशभर में सैटेलाइट और AI आधारित टोल प्रणाली लागू होगी। इससे वाहनों का टोल बिना रुके कटेगा, 1,500 करोड़ रुपये ईंधन की बचत होगी और 6,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व बढ़ेगा।
सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मदद
सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए सरकार कैशलेस इलाज की सुविधा देगी। प्रत्येक व्यक्ति को 1.5 लाख रुपये तक इलाज का खर्च मिलेगा, और मदद करने वाले को 25,000 रुपये की सहायता भी दी जाएगी।
गडकरी ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल कानून और निर्माण पर निर्भर नहीं है, बल्कि लोगों की जागरूकता और त्वरित आपात चिकित्सा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
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