अमृतसर। गुरुगोविंद सिंह और गुरुनानक देव जी कि पावन भूमि अब ईसाई मिशनरियों का अड्डा बन चुकी है। आपको बता दें कि हिन्दू और सिख धर्म के लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित करवाया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में 3.50 लाख हिन्दुओं और सिखों का धर्मांतरण हो चूका है, जो पंजाब और देश के लिए चिंता का विषय है। आज पंजाब में हालात ये हैं कि गुरुद्वारों और मंदिरों से अधिक चर्च दिखाई देते हैं।
ईसाइयों की बढ़ती संख्या पर सिख स्कॉलर डाॅ. रणबीर सिंह ने व्यापक रिसर्च किया है। उनका कहना है कि पंजाब में स्थितियां काफी गंभीर हैं। डाॅ. रणबीर ने अपनी रिसर्च में बताया है कि 2011 की जनगणना के मुकाबले वर्तमान में हिन्दुओं और सिखों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। 2011 की जनगणना के अनुसार पंजाब में हिन्दुओं और सिखों की संख्या 48 और 57 प्रतिशत थी। जो वर्तमान में घटकर 36 और 38 प्रतिशत हो गई है।
लालच देकर किया जाता है धर्मांतरण
पंजाब में लोगों का धर्मांतरण एक सोंची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। शहरों के मुकाबले गांव के लोगों को अधिक शिकार बनाया जा रहा है। लोगों को लालच देकर, उन्हें बहला-फुसलाकर ईसाई मशीनरियों के द्वारा उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करवाया जा रहा है। डाॅ. रणबीर के अनुसार 2023-24 में 1.26 लाख लोग मानतांत्रित हुए तो वहीं 2024-25 में 3.50 लाख लोगों ने ईसाई धर्म को कुबूल किया।
ईसाई मशीनरी दलित समुदाय को बनाते हैं निशाना
आपको बता दें कि रिसर्चर की रिपोर्ट के अनुसार शहरों के मुकाबले गाँवों के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। डाॅ. रणवीर ने कहा कि ईसाई पादरी पहले दलित समुदाय के सिख और हिन्दुओं को प्रार्थना के बहाने चर्च बुलाते हैं और उन्हें मुफ्त शिक्षा और मुफ्त इलाज का प्रलोभन देते हैं। उनसे उनकी समस्याएँ लिखवाकर चर्च में बने बक्से में डलवाते हैं और जिस गांव में अधिक समस्या होती है उन्हें वो गोद ले लेते हैं।
गाँवों को गोद लेने के बाद ही धर्मांतरण की साजिश शुरू होती है और लोगों को मुफ्त में प्रलोभन दिए जाते हैं। इन प्रलोभनों में पैसा देना भी शामिल है। रिसर्चर का कहना है कि ज्यादातर लोग इन्हीं प्रलोभनों के चलते अपना धर्म परिवर्तित करते हैं।
धर्म परिवर्तन के दौरान नाम नहीं बदलते
इस पूरे अपराध को इस तरीके से अंजाम दिया जाता है कि किसी को कानों-कान खबर भी नहीं होती है। इसाईओं के द्वारा सिखों या फिर हिन्दुओं का जब धर्मांतरण करवाया जाता है तो उनके नाम में कोई बदलाव नहीं किए जाते हैं। केवल उनके नाम के आगे मसीह जोड़ दिया जाता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी को शक न हो।
पास्टर को दिया जाता है टारगेट
सिख स्कॉलर रणवीर सिंह के अनुसार पूरे पंजाब में कुल 65 हज़ार पास्टर हैं। एक पास्टर को एक साल में 30 से 300 हिन्दू और सिखों को ईसाई बनाने का टारगेट दिया जाता है। आपको बता दें कि मिशनरियों के द्वारा पास्टरों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी जाती है। जिसे बाइबिल का ज्ञान हो जाता है, उसे पास्टर बना दिया जाता है।
कौन करता है फंडिंग ?
आपको बता दें कि रिसर्चर डॉ. रणवीर सिंह के अनुसार जिनका भी धर्मांतरण किया जाता है, उन्हें कुछ महीनों तक धन राशि दी जाती है। पास्टरों पर भी खूब पैसे खर्च किये जाते हैं। अब सवाल ये है कि इनके पास इतने पैसे आते कहाँ से हैं, कौन करता है इन्हें फंड ? इस सवाल के जवाब में रणवीर सिंह कहते हैं कि ईसाइयत के प्रचार के लिए पश्चिमी देशों सहित पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई से फंडिंग होती है।
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