Rahul Gandhi Hoarding War : हैदराबाद में काटे जा रहे पेड़ों की चीख देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। दरअसल 30 मार्च को तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से सटे 400 एकड़ में फैले जंगलों को काटने के लिए वहाँ बुलडोज़र तैनात किये। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और शहर के पर्यावरण संरक्षकों ने इसका विरोध किया।
विरोध की यह लहर अब केवल हैदराबाद तक सिमित नहीं है, राजधानी दिल्ली में BJP ने होर्डिंग लगाकर इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पेड़ों के काटे जाने पर रोक लगा दी है।
क्या है पूरा मामला ?
राष्ट्रीय राजधानी में BJP के नेता तजिंदर सिंह बग्गा ने होर्डिंग लगाकर Rahul Gandhi से तेलंगाना में काटे जा रहे पेड़ों को रोकने की मांग की है। होर्डिंग पर लिखा है – राहुल गांधी जी कृपया तेलंगाना में हमारे जंगलों को काटना बंद करें।
राज्य सरकार का कहना है कि हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से सटे 400 एकड़ की जमीन सरकार की है। सरकार ने इस जमीन को तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉपरेशन को आवंटित किया है ताकि वहां विकास किया जा सके। 30 मार्च को पेड़ों की कटाई करने के लिए बुलडोज़र तैनात किये गए, जिसके बाद हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों और पर्यावरणविदों ने विरोध शुरू कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
छात्रों और पर्यावरणविदों के विरोध प्रदर्शन के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आया। पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को कांचा गाचीबाउली जंगल में संबंधित जगह का दौरा करने और अंतरिम रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को भी निर्देश दिए हैं कि अगले आदेश तक कांचा गाचीबाउली जंगल में कोई पेड़ नहीं काटा जाए।
पुलिस ने छात्रों को डंडों से पीटा
विपक्षी पार्टी BRS ने आरोप लगाया है कि जमीन को समतल करने के लिए दर्जनों बुलडोज़र लाये गए थे। इस दौरान पुलिस ने विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को भी डंडों से पीटा। करीब 200 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि सरकारी काम में बाधा उत्पन करने वाले 53 छात्रों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस का कहना है कि कुछ छात्रों ने उनपर हमला भी किया था। जिन छात्रों ने हमला किया था उनपर केस भी किया जाएगा।
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