वृंदावन के महाराज अक्सर अपने विचारों के चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा में बने रहते है। हर कोई कहता है कि भंडारे का प्रसाद खाना अच्छा होता है लेकिन हालही में प्रेमानंद महाराज ने बताया कि क्यों भंडारे का खाना नहीं खाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि अगर आप बिना मेहनत किए दूसरे से पैसा ले रहे हो दूसरे का खाना खा रहे हो तो आप के द्वारा किया गया सारा पुण्य उसे ही मिलेगा।
अगर आप विरक्त भेष में हो तो कोई बात नहीं तब किसी से भी मांग कर खा सकते हो लेकिन अगर आप गृहस्थ भेष में हो तो इसका खास ध्यान रखना चाहिए। गृहस्थ भेष वालों को घर में जो भी है नमक रोटी खा लेना चाहिए या उपवास करों लेकिन भंडारे का खाना नहीं खाना चाहिए। अगर कोई प्रसाद बांट रहा है तो उसे खाना नहीं चाहिए। आप बाबा नहीं है आप विरक्त नहीं हैं। इस लिए आप को खाने कि जरूरत नहीं है।
महाराज का कहना है कि- आप खुद कमाए और लोगों को भंडारा खिलाएं हलवा बनाकर ले जाए मंदिर के सभी पुजारीयों को खिलाएं। अपनी मेहनत से खाना हर इंसान के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होती है। अगर आप एक गृहस्थ है और तीर्थ पर जा रहे है लेकिन रास्ते में कही भी भंडारा हो रहा है या मुफ्त का खाना ना खाए।
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