31 सालों बाद अब जाकर ज्ञानवापी (gyanvapi) मस्जिद के अंदर स्थित व्यास जी के तहखाने को खोल दिया गया है और उसके अंदर स्थित भगवान की मूर्तियों की पूजा करने की इजाजत भी दे दी गई है। लगातार हिंदू पक्ष द्वारा ऐसा दावा किया जा रहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर स्थित इस तहखाने में पहले व्यास परिवार पूजा पाठ किया करता था और अब जाकर व्यास परिवार को एक बार फिर से उनका अधिकार मिल गया है। अब 31 सालों बाद फिर से ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर स्थित इस मंदिर में पूजा पाठ शुरू हो जाएगी ।
साल 1531 से 1930 तक व्यास परिवार ने की पूजा
वाराणसी जिला कोर्ट ने आज बुधवार को ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाना में पूजा पाठ करने की इजाजत देती है। कोर्ट ने वाराणसी जिलाधिकारी को 7 दिन के अंदर पुजारी नियुक्त करने को कहा है। वाराणसी में साल 1551 से व्यास परिवार वंशवृक्ष तरीके से लगातार पूजा पाठ करता आया है पर साल 1930 में व्यास जी के तहखाना में तत्कालीन सरकार द्वारा ताला लगवा दिया गया था।
ज्ञानवापी (gyanvapi) परिसर में होगी पूजा
इसके बाद से ही इस मंदिर में आखरी बार पूजा पाठ करने वाले सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार व्यास ने 25 दिसंबर 2023 को वाराणसी कोर्ट में केस दायर किया था। इसमें उन्होंने मांग की थी कि व्यास जी के तहखाना में दोबारा से पूजा पाठ शुरू करवा दी जाए । इसके बाद अब जाकर कोर्ट द्वारा यहां पूजा पाठ करने की मंजूरी दे दी गई है।
ज्ञानवापी (gyanvapi) के एएसआई सर्वे ने कर दिया स्पष्ट
बता दें कि एएसआई सर्वे की रिपोर्ट 25 जनवरी की रात को ही सार्वजनिक कर दी गई थी । जिसके अनुसार भगवान विष्णु गणेश और शिवलिंग की मूर्ति मिली हैं। पूरे परिसर में 34 ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिनसे यह साफ कहा जा सकता है कि यह पूरा परिसर एक मंदिर का ही स्ट्रक्चर है । इस परिसर के अंदर एक महा मुक्ति मंडप नाम का शिलापट भी मिला है । एएसआई रिपोर्ट में ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था ऐसा लिखा है। साथ ही ये भी पाया गया कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासन में ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को तोड़ा गया था इसके बाद उसके सभी हिस्सों को मॉडिफाई कर दिया गया।