नई दिल्ली। मंगलवार (18 मार्च 2025) को PM मोदी लोक सभा में महाकुम्भ पर बोले। इस दौरान उन्होंने महाकुम्भ में योगदान देने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, इस बार महाकुम्भ के आयोजन में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का पवित्र अमृत भी इसी दौरान निकला। देश के अलग-अलग हिस्सों से आकर लोग एक हो गए।
पूरे विश्व ने देखा राष्ट्रीय स्वरूप – PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान राम मंदिर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हम सभी ने महसूस किया की देश अगले 1000 वर्षों के लिए तैयार हो रहा है। इस वर्ष महाकुम्भ के आयोजन ने हमारे उस संकल्प को और भी दृढ़ कर दिया। देश की यह सामूहिक चेतना देश का सामर्थ्य बताती है।
PM मोदी ने कहा, पूरे विश्व ने महाकुम्भ के रूप में भारत के विराट स्वरूप के दर्शन किए। उन्होंने कहा युवा पीढ़ी भी पूरी श्रद्धा के साथ महाकुम्भ से जुड़ी।

मॉरिशस तक पहुंचा महाकुंभ का जल
PM मोदी ने भाषण के दौरान अपनी मॉरिशस यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, बीते दिनों मैं मॉरिशस की यात्रा पर था, मैं वहां त्रिवेणी का पवित्र जल लेकर गया था। जब इस जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया तो उस वक्त का माहौल देखने योग्य था। यह दिखाता है कि आज पूरी दुनिया हमारी संस्कृति से जुड़ना चाहती है।
पूरी दुनिया में हमारी संस्कृति और हमारी परम्पराओं को आत्मसात करने की भावना प्रबल हो रही है। मैं यह देख सकता हूँ कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों को आगे बढ़ाने का कार्य कितनी सहजता से आगे बढ़ रहा है।

महाकुम्भ में छोटे-बड़े का भेद नहीं था
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में युवाओं ने भी अपना भरपूर योगदान दिया है। आज इस देश का युवा भारत की परम्परा और संस्कारों को पूरी श्रद्धा से अपना रहा है। यह भाव आज के भारत की सबसे बड़ी पूंजी है। जब अलग-अलग क्षेत्र, अलग-अलग भाषा के लोग एक साथ संगम में डुबकी लगाते हैं तो एक भारत, श्रेष्ट भारत की भावना नजर आती है। एकता की यही भावना भारतियों का सौभाग्य है।
आज पूरे विश्व में बिखराव और अलगाव देखने को मिलता है, लेकिन इस दौर में भी देश की एकजुटता का विराट प्रदर्शन हमारी ताकत है। इसी एकजुटता को पूरे विश्व ने महाकुंभ के दौरान देखा।

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