नई दिल्ली। ‘परीक्षा पे चर्चा’ का आठवां संस्करण सोमवार की सुबह 11 बजे से शुरू हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से दूर रहने के लिए कई टिप्स दिए। इस बार के संस्करण में दीपिका पादुकोण, विक्रांत मैसी, भूमि पेडनेकर, मैरीकॉम और आध्यात्मिक गुरु सद्गगुरु भी शामिल रहे।
PM Modi ने छात्रों को दिए सफलता के टिप्स
‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान प्रधानमंत्री ने बच्चों को तनाव न लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि ये हमारे समाज में दुर्भाग्य से आ गया है कि यदि हम स्कूल में , 10वीं-12वीं में अच्छे नंबर नहीं लाए तो हमारी ज़िंदगी तबाह हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे तनाव का सबसे मुख्य कारण यही है। पीएम ने छात्रों से कहा कि आप इस बात का तनाव न लें, यदि आप यह तय कर लेते हैं कि आपको आज कितना पढ़ना है तो आप इस तनाव से खुद को मुख्त कर सकते हैं।
पीएम ने क्रिकेट से जुड़ा किस्सा सुनाया
प्रधानमंत्री ने छात्रों को तनाव से दूर रहने के लिए क्रिकेट से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में आपने देखा होगा कि कितनी आवाज़ आती है। कोई कहता है सिक्स, कोई कहता है फोर। क्या बैट्समैन उस आवाज़ को सुनता है या फिर बॉल पे फोकस करता है। यदि वो आवाज़ पर ध्यान देकर खेलेगा तो जल्दी आउट हो जाएगा। बैट्समैन उस आवाज़ के प्रेशर की परवाह नहीं करता है। उसका पूरा ध्यान उस गेंद पर रहता है।
उन्होंने बच्चों को सलहा दी कि यदि आप प्रेशर न लेकर अपना ध्यान इस पर लगा दें कि आज मुझे कितना पढ़ना है, तो आप आराम से कर लेंगे।
‘परीक्षा पे चर्चा’ के मुख्य बिंदु
अपनी विफलताओं से सीखना चाहिए – पीएम
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि हमें लगातार कोशिश करती रहनी चाहिए। उन्होनें खिलाडियों का उदाहरण देते हुए बताया कि हमारे खिलाड़ी हमेशा मैच खत्म होने के बाद उसकी रिकॉर्डिंग देखते हैं। उसका मूल्यांकन करते हैं कि खेलते वक्त उनसे कहाँ गलती हुई, जिसके कारण वो आउट हुए। उन्होंने बच्चों को भी अपनी विफलताओं से सीखने की सलाह दी।
अपने बच्चों की क्षमता को समझें – पीएम
‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान पीएम ने माता-पीता से अपने बच्चों की क्षमता को समझने की बात कही।
लीडर बनने के लिए खुद को उदाहरण बनाइए – पीएम
बिहार के छात्र विराज ने पीएम से लीडरशिप के टिप्स मांगे तो प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लीडरशिप थोपी नहीं जाती है। लीडर का मतलब बड़े – बड़े भाषण करने वाला नहीं होता है। लीडर बनने के लिए खुद को उदाहरण बनाइए। लीडर बनने के लिए टीम वर्क करना होता है। धैर्य की जरुरत होती है। उन्होंने कहा कि कभी-कभी यह भी होता है कि हमनें किसी को कोई काम दिया और वो उस काम को करने में असफल रहा तो हम बिना सोंचे-समझे उसपर बरस पड़ते हैं।
यदि हम ऐसा करते हैं तो हम एक अच्छा लीडर नहीं बन सकते। उसका कारण जानने की कोशिश करनी चाहिए। जहाँ कम,वहां हम का मंत्र अपनाइए।
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