मेट्रीमोनियल सीईट्स और वैवाहिक विज्ञापन पर दी गई फेक जानकारी के कारण ज्यादातर शादियाँ टूट जाती हैं और इसके कारण ही घरेलू हिंसा के मामले भी बड़ जाते हैं.
मध्य प्रदेश में ऐसे मामलों की बड़ती संख्या देख पीएचक्यू की महिला शाखा में प्री-मैरिज काउनसिलिंग की व्यवस्था की जा रही है.जिससे दावा किया जा रहा है कि घरेलू हिंसा के मामले कम होंगे.
PHQ की महिला शाखा में प्री-मैरिज काउनसिलिंग की व्यवस्था
भागदौड़ भरी ज़िदगी में परिवार और रिश्तेदारों से बनी दूरी के कारण युवा अब शादी-ब्याह के लिए मेट्रीमोनियल सीईट्स और वैवाहिक विज्ञापन पर अपने साथी की तलाश करते है.लेकिन एस के कारण वो ज्यादातर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं.

प्रदेश में घरेलू हिंसा के 8336 केस दर्ज हैं,इनमें से 40 फीसदी केंस शादी के दौरान दी गलत जानकारी के कारण हुए हैं.और ऐसे केसों की बड़ती संख्या देख ही पीएचक्यू की महिला शाखा में प्री-मैरिज काउनसिलिंग की व्यवस्था की जा रही है.जिससे घरेलू हिंसा और शादी के दौरान होने वाले फ्रॉड के मामलों में गिरावट हो.
क्या है प्री-मैरिज काउनसिलिंग
प्री-मैरिज काउनसिलिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा लड़का और लड़की शादी के पहले एक दूसरे को अच्छी तरह जान सकते हैं.इस काउनसिलिंग के दौरान पीएचक्यू महीला शाखा के द्वारा लड़का और लड़की एक दूसरे के बारे में सही और पूरी जानकारी ले सकेंगे.जिससे आगे जाकर उनका रिश्ता मजबूत हो जाएगा.
मेट्रीमोनियल सीईट्स और वैवाहिक विज्ञापन के मामले
केस-1
प्रदेश की राजधानी में रहने वाली एक युवती ने विज्ञापन देखकर शादी करली.वह कार शोरूम में बड़े पद पर थी.शादी के बाद मालुम हुआ कि पति की पहले ही तीन शादियाँ हो चुकी थी.जिसके बाद युवती ने शिकायत करी.
केस-2
इंदौर की एक युवती की शादी मेट्रीमोनियल सीईट्स से हुई.युवक ने खुद को मल्टीनेश्नल कंपनी का कर्मचारी बताया.शादी के बाद पता चला कि 10वी पास है.शादी करने के लिए बोला था झूठ.