Pastor Bajinder Singh Case : बजिंदर सिंह, हरियाणा के यमुनानगर में एक जाट परिवार से आते हैं। उनकी जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब वे एक हत्या के मामले में जेल गए और वहां उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया। जेल से रिहा होने के बाद, उन्होंने 2012 में मोहाली से प्रचार शुरू किया और बाद में जालंधर में ताजपुर चर्च की स्थापना की।
“चमत्कारी उपचार” के दावों के लिए मशहूर, पादरी ने सोशल मीडिया, खासकर यूट्यूब पर खूब लोकप्रियता हासिल की, जहां उनके चैनल “MERA JESUS” के 8.28 लाख सब्सक्राइबर हैं। उनके वीडियो, जैसे “मेरा यीशु यीशु” गाते हुए या कैंसर और एड्स जैसी बीमारियों को ठीक करने के दावे, ने भक्तों और आलोचकों दोनों को आकर्षित किया, जिसके चलते ऑनलाइन कई मीम्स भी वायरल हुए।
2018 का जीरकपुर मामला: आरोप और गिरफ्तारी
विवाद तब बढ़ा जब अप्रैल 2018 में जीरकपुर की एक महिला ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की, जिसमें बाजिंदर सिंह पर यौन उत्पीड़न और बलात्कार का आरोप लगाया गया। महिला के बयान के अनुसार, सिंह ने उसे विदेश ले जाने का लालच दिया और चर्च की गतिविधियों में स्वयंसेवक के रूप में काम पर रखा। उसने दावा किया कि सिंह ने उसका यौन शोषण किया, एक अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किया और विरोध करने पर इसे ऑनलाइन डालने की धमकी दी। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (पहले भारतीय दंड संहिता) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई, जिसमें बलात्कार (धारा 376), धोखाधड़ी (धारा 420), शील भंग (धारा 354), और अश्लील सामग्री प्रसारित करने (आईटी एक्ट की धारा 67) जैसे आरोप शामिल थे।
20 जुलाई 2018 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बजिंदर सिंह को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जब वह लंदन में आयोजित एक हीलिंग इवेंट के लिए उड़ान भरने वाले थे। उन्हें मोहाली कोर्ट में पेश किया गया और शुरू में दो दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया। सिंह के अलावा, पांच अन्य लोग—पास्टर जतिंदर, पास्टर अकबर, सत्तार अली, और संदीप पहलवान—भी FIR में नामित थे, जिन पर उत्पीड़न में सहायता करने का आरोप था।
मोहाली के POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) कोर्ट में सुनवाई से पता चलता है कि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी, हालांकि उसकी उम्र का स्पष्ट उल्लेख रिपोर्टों में नहीं मिला। यह पहलू महत्वपूर्ण है, क्योंकि POCSO कोर्ट 18 साल से कम उम्र के बच्चों से संबंधित मामलों को देखता है, जिससे संकेत मिलता है कि 2018 में पीड़िता की उम्र शायद 18 से कम थी।
Pastor Bajinder Singh पर कानूनी कार्यवाही
मामले की सुनवाई सालों तक चली। मार्च 2025 में सिंह और अन्य के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए गए, क्योंकि वे कोर्ट में पेश नहीं हुए। 28 मार्च 2025 को मोहाली POCSO कोर्ट ने पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के मामले में दोषी ठहराया, जो एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। सजा 1 अप्रैल 2025 को घोषित की जाएगी। इस फैसले ने धार्मिक नेताओं की जवाबदेही पर चर्चा छेड़ दी है, खासकर उन लोगों की जो बड़ी संख्या में अनुयायियों के साथ सक्रिय हैं।
अन्य मामलों में शामिल
2018 के मामले के अलावा, हाल ही में कपूरथला से नए आरोप सामने आए हैं, जहां एक 22 साल की महिला ने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने कहा कि जब वह 17 साल की थी और उनके साथ काम कर रही थी, तब से उत्पीड़न शुरू हुआ। महिला ने अनुचित छूआछुई, शादी का दबाव (हालांकि वह पहले से शादीशुदा थी), और बोलने पर परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी जैसे आरोप लगाए।
2025 में दर्ज यह मामला जांच के अधीन है और पीड़िता की उम्र के कारण यह भी POCSO एक्ट के तहत आ सकता है। सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे एक अन्य पास्टर की साजिश बताई है, जिससे उनके चरित्र को लेकर विवाद और बढ़ गया।
इसके अलावा, मार्च 2025 में कुछ वीडियो सामने आए, जिसमें पादरी कथित तौर पर एक ऑफिस में एक महिला और पुरुष पर हमला करते दिख रहे हैं। हालांकि अभी तक इसकी औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, और पुलिस घटना की जांच कर रही है।
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