Highlight
- संसद में पास हुआ जी राम जी बिल।
- विपक्षी दलों ने इसे गरीब और किसान विरोधी बताते हुए संसद परिसर में 12 घंटे धरना दिया।
- सरकार ने का बिल ग्रामीण रोजगार बढ़ाएगा, साल में 125 दिन रोजगार मिलेगा।
#WATCH | Delhi: Latest visuals from the Parliament premises this morning.
— ANI (@ANI) December 19, 2025
TMC MPs staged an overnight protest against the VB- G RAM G Bill 2025, which has been passed in both Houses of the Parliament. They are on a 12-hour sit-in protest, which began at 12 am last night. pic.twitter.com/0Wlj99KRnu
संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिनों में ग्रामीण रोजगार से जुड़े विकसित भारत–जी राम जी विधेयक 2025 को लेकर राजनीति गरमा गई। मनरेगा की जगह लेने वाले इस बिल दोनों सदनों से पारित हो गया है। जिसके बाद से ही विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), डीएमके सहित कई दलों के सांसदों ने गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक करीब 12 घंटे संसद परिसर में धरना दिया।
#WATCH | TMC MP Sagarika Ghose says, "We have been sitting on a 12-hour dharna. We started at midnight and our dharna will go on till 12 noon. We are sitting in dharna because of the manner in which the MGNREGA has been destroyed by the Modi Govt. It has been replaced by the VB-… https://t.co/IagqxUJBLl pic.twitter.com/J5boJUK5bd
— ANI (@ANI) December 19, 2025
विपक्ष का आरोप है कि यह बिल गरीब, किसान और मजदूर विरोधी है और इससे मनरेगा को खत्म कर दिया गया है। TMC सांसद सागरिका घोष ने कहा कि सरकार ने केवल पांच घंटे का नोटिस देकर इतना बड़ा बिल पास कराया और ठीक से बहस का मौका नहीं दिया। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया और कहा कि यह महात्मा गांधी का भी अपमान है।
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कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे देश के मजदूरों के लिए सबसे दुखद दिन बताया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिस तरह पहले कृषि कानून वापस लिए गए थे, उसी तरह यह कानून भी वापस लेना पड़ेगा।
वहीं सरकार ने आरोपों को खारिज किया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह विधेयक गरीबों के हित में है और ग्रामीण रोजगार के अवसर बढ़ाएगा। नए कानून के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में 125 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है। केंद्र और राज्य मिलकर इसका खर्च उठाएंगे।
बिल के पारित होने के बाद विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वह इस मुद्दे पर सड़कों पर उतरकर भी विरोध करेगा। अब यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
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