दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस समय ईडी की गिरफ्त में हैं। 21 मार्च को कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने दो महीने के अंदर ही दो राज्यों के सीएम को गिरफ्तार कर लिया है दोनों मामले में नेताओं को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गाय है। जिसमें केजरीवाल को 28 मार्च तक ईडी की रिमांड में रखा जाएगा और हेमंत सोरेन अभी तक कस्टडी में हैं। जानिए ईडी की वो पावर्स जो बनाती है उन्हें सीएम को भी गिरफ्तार करने में सक्षम।
ईडी के पास क्या पावर्स हैं
साल 1947 में एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट लागू किया गया था इसके लागू होने के बाद साल 1956 में ईडी का गठन किया गया। उस दौरान ईडी का काम केवल विदेशों के साथ एक्सचेंज मार्केट में लेन देन करने वालों की जांच करना था। ईडी को शुरूआती समय में इन्फोर्समेंट यूनिट नाम दिया गया और आगे चलकर इका नाम इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट रख दिया गया। देश में जब FEMA, FEONA,PMLA जैसे लॉ आए तो प्रवर्तन निदेशालय की पावर बड़ी गई। इसके साथ ही साल 2013 में हुए एक संसोधन ने ईडी की ताकत और बड़ा दी। दरअसल साल 2012 में मनी लॉनंड्रिंग के मामले की जांच कभी की जाती थी जब 30 लाख या उससे ज्यादा पैसों की उलट फेर हुई हो पर साल 2013 में हुए एक संसोधन के बाद इस लिमिट को हटा दिया गया है।
किन नेताओं को किया गिरफ्तार
ईडी ने केजरीवाल से पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को पिछले साल शराब घोटाले के माले में गिरफ्तार किया था। साल 2023 के अक्टूबर महीने में आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह पर शराब घोटाले के मामले में कारवाई की थी। इसी मामले में बीआरएस की एमएलसी के.कविता को भी गिरफ्तार किया गया था। जहां एक ओर हेमंत सोरेन से अपनी गिरफ्तारी क पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था वहीं केजरीवाल अब भी जेल से सरकार चलाने की बातें कर रहे हैं। जेल में रहते हुए भी मुख्यमंत्री रहने वाले वह पहले सीएम हैं।
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