ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी स्थानीय न्यायालय ने एक आदेश जारी किया है। मामले की सुनवाई के दौरान ढाँचे के परिसर में बने तहखाने की चाबियाँ जिलाधिकारी को सौंपने का आदेश दिया। बतादें कि तहखाने की सही तरह से देखरेख करने के लिए न्यायालय के सामने प्रशासन को चाबियाँ सोंपने की याचिका दायर की गई थी।
ज्ञानवापी परिसर में स्थित है ये तहखाना
वाराणसी के जिला न्यायालय ने 18 फरवरी को तहखाने की चाबियाँ प्रशासन को सौंपने का आदेश जारी किया है। ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी इलाके में यह तहखाना स्थित है जिसे व्यास जी का तहखाना कहा जाता है। हिंदू पक्ष का कहना है कि 1993 तक यहाँ सोमनाथ व्यास पूजा किया करते थे। जिसके बाद इसे प्रशासन ने बंद कर दिया था। वहीं जब एएसआई सर्वे किया गया था तो भी मुस्लिम पक्ष ने तहखाने की चाबी नहीं दी थी। बतादें कि वाराणसी न्यायालय ने तहखाने की देख रेख के लिए डीएम के चुना है। उन्होंने जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है कि वह इस तहखाने में कोई छोड़छाड़ या बदलाव ना होने दे।
शिवलिंग की आकृति पर कही बड़ी बात
इस आदेश के साथ ही एक और आदेश दिया गया। जिसमें उस पानी के टैंक को साफ करने की बात थी जिसमें शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। इस टैंक में कई मछलियाँ है जो मर चुकी हैं जिसके कारण टैंक में गंदी बदबू आती है। टैंक में शिवलिंग जैसी आकृति होने के कारण इससे हिंदू पक्ष की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इसी कारण टैंक को साफ करने का बात कही गई है।
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