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निशा बांगरे का इस्तीफ़ा हुआ मंज़ूर, किस पार्टी से लड़ेंगी चुनाव?

मध्यप्रदेश में चुनावी हलचल तेज़ हो गई है इसी बीच ये खबर आई है की मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफ़ा आखिरकार सरकार द्वारा मंज़ूर कर लिया गया है. इस्तीफ़ा स्वीकार होने के बाद से उनका राजनीतिक रास्ता साफ़ हो गया है जिसके बाद उन्होंने खुद जानकारी देते हुए लिखा की वे आगामी चुनाव लड़ेंगी.
एक व्हाटसएप ग्रुप में सन्देश लिखकर निशा बांगरे ने ये जानकारी दी की “मैं चुनाव लडूंगी. गुरूवार या शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करुँगी” हालाँकि अभी इस सस्पेंस का खुलासा नहीं हुआ है की निशा बंगारे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी.

क्या पार्टी निशा बांगरे के लिए बदलेगी उम्मीदवार

आपको बता दें अनुसूचित जाती से आने वाली निशा बंगारे बैतूल जिले की आमला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं और यही उनके इस्तीफ़ा देने की वजह भी थी. उस समय कांग्रेस पार्टी ने मौका देख उनका समर्थन किया था क्योंकि वे आमला पदस्थ रह चुकी हैं .आमला एससी बहुल वोटर वाली सीट है यहाँ बौद्ध को मानने वाले भी अधिक हैं. बैतूल जिले पर अच्छी पकड़ देख कांग्रेस मंत्री कमलनाथ ने उन्हें वहां से कांग्रेस का टिकेट देने का प्रस्ताव दिया था.

इसके बाद ही उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया था. इस्तीफ़ा स्वीकार होने तक कांग्रेस पार्टी ने उस सीट को होल्ड पर रख दिया था. जब निशा बांगरे का इस्तीफ़ा मंज़ूर नहीं हुआ तो कांग्रेस ने बैतूल जिले से अपने प्रत्याशी मनोज मालवे का नाम घोषित कर दिया. सरकार द्वारा निशा बांगरे का इस्तीफा नमंजूर करने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था .अब राज्य सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.

निर्दलीय चुनाव लड़ सकती है निशा

अब निशा बांगरे को इस्तीफ़ा मिलने के बाद से माना जा रहा था की कांग्रेस इस सीट पर एक बार फिर मंथन करने पर विचार कर सकती थी लेकिन कांग्रेस की तीसरी लिस्ट में एक बड़ा दाव चला है जिसमें कांग्रेस द्वारा कुछ जगहों के प्रत्याशियों के नाम बदले गए हैं जिसमें निशा बांगरे का नाम शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में अब साफ़ है की निशा बांगरे किसी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ सकती है. उन्होंने कहा है की उनका किसी भी राजनीतिक दल से अभी तक कोई सम्पर्क नहीं हुआ है.
निशा बांगरे ने अपने बयान में कहा था, “मैं चाहती हूँ देश में अच्छी व्यवस्था बनी रहे और यह तभी हो सकता है जब राजनीतिक मनसा अच्छी होगी”. इसी पर अब बांगरे की निर्दलीय चुनाव लड़ने की संभावनाएं तेज़ हो रही है.

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