हमें तो अपनों ने लूटा गैरों में कहा दम था.. ये लाईन तो आपने सुनी ही होगी बस कुछ इसी तरह का हाल है अभी मध्य प्रदेश की सियासत का। प्रदेश कांग्रेस के खाते में मौजूद एकलौती सीट छिंदवाड़ा से नकुलनाथ लोकसभा की उम्मीदवारी कर रहे हैं पति के चुनाव प्रचार में प्रियानाथ भी पीछे नहीं हैं। ऐसे ही एक प्रचार के दौरान प्रिया, नाथ परिवार का और कांग्रेस का दुख बयां करती भावुक सी दिखाई दी लेकिन वो क्यों भावुक हुई और नाथ परिवार का दुख क्या है जानिए इस खास रिपोर्ट।
गढ़ बचाने में जुटा नाथ परिवार
लोकसभा चुनाव सर पर हैं ऐसे में मध्य प्रदेश की सियासत गर्माई हुई है। प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 29 में से 28 सीट भाजपा के खेमे में थी लेकिन पार्टी कमलनाथ के गढ़ क्षेत्र छिंदवाड़ा को भेदने में हर बार नाकाम रहती है और इस विधानसभा चुनाव में भी ये एकलौती सीट कांग्रेस के हाथ आई। अब लोकसभा चुनाव करीब है ऐसे में जहां भाजपा अपना पूरा बल छिंदवाड़ा भेदने में लगा रही है वहीं नाथ परिवार हर हाल में अपना क्षेत्र बचाने का प्रयास कर रहा है।
प्रियानाथ का झलका दर्द
इस प्रचार में नाथ परिवार की बहु भी बड़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। इसी दौरान प्रियानाथ छिंदवाड़ा की चौरई सीट में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहती हैं कि मैं पिता कमलनाथ को देखती हूं तो बहुत दुख होता है जिन्हें हमने अपना समझा, अपने परिवार की तरह प्यार दिया और उन्हें आशीर्वाद दिया पर अग्नी परीक्षा की घड़ी आने पर उन्होंने धोखा दिया। वह आगे कहती हैं कि इस बात का दुख ज़रूर होता है क्योंकि हमने उन्हें दिलसे माना था, लेकिन हम अब एक नई क्रांति के साथ आगे बढ़ेंगे। हम 44 साल से साथ थे साथ है और वो शक्ति पैदा नहीं हुई जो हमें 44 दिनों में अलग कर सकें। ये शब्द कांग्रेस कार्यालय के अद्धाटन के दौरान प्रियानाथ से कहे।
प्रियानाथ का इशारा था साफ
प्रियानाथ की बातों में उनका दुछ साफ झलक रहा है। और ये दुख जिस तरह कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम रहे हैं उसकी ओर सीधा इसारा करता है जिसमें विशेषकर छिंदवाड़ा से कमलनाथ के बेहद करूबी लोग शामिल हैं। हाल ही का मामला है जब सोमवार को ही छिंदवाडा़ महापौर विक्रम अहाके ने भाजपा ज्वाईन कर ली है ।
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