MP SIR: मध्यप्रदेश में निकाय चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इंदौर हाईकोर्ट बेंच में कांग्रेस के पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने याचिका दायर कर पूरे पुनरीक्षण कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की है। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग, नगरीय प्रशासन विभाग, इंदौर कलेक्टर और सभी विधानसभा क्षेत्रों के रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।
याचिका में कई गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। इसमें बताया गया है कि इंदौर में 1761 मतदान केंद्र हैं, जिनमें से कई केंद्रों पर 1200 से ज्यादा या 500 से कम मतदाता दर्ज हैं। यहां तक कि एक केंद्र पर केवल 40 वोटर ही पाए गए। याचिका में कहा गया कि एक ही भवन पर हजारों लोगों को मतदाता दिखाया जा रहा है और कई मतदाताओं का पता भवन क्रमांक 0 दर्ज है।
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि नए जुड़े या हटाए गए नामों की सूची सार्वजनिक नहीं की गई, जिससे नागरिक आपत्ति दर्ज नहीं कर पा रहे। साथ ही अपात्र कर्मचारियों को बीएलओ बनाने और निर्वाचन आयोग के नियमों के खिलाफ मतदान केंद्र बनाने जैसी शिकायतें भी शामिल हैं।
याचिका के अनुसार, पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन नियम 1994 के कुछ प्रावधान संविधान और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के विपरीत हैं। कोर्ट ने सभी पक्षों से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई 26 नवंबर को तय की है। माना जा रहा है कि इसका असर केवल इंदौर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की मतदाता सूची और निकाय चुनावों पर पड़ सकता है।
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