राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बेहद कम समय बाकी है। आने वाली 22 जनवरी को राम लला टेंट से अपने भव्य मंदिर में विराजेंगे। बतादें कि 1992 के बाबरी विध्वंस के समय से राम लला की पूजा अर्चना टेंट में होती आई है जिसकी पूरी जिम्मेदारी आज तक मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने निभाई है।
कौन बनेगा राम मंदिर का मुख्य पुजारी
अब अपनी बढ़ती उम्र को देखते हुए वह अपने उत्तराधिकारी की खोज में हैं। बताया जा रहा था कि उनका उत्तराधिकारी भी मिल गया है जिसका नाम मोहित पांडे है। मोहित पांडे दूधेश्वर विद्ध्या पीठ के छात्र हैं वह उन पंडितों में शामिल हैं जिन्हें राम मंदिर की समिति द्वारा 3000 आवेदनों में से चुना गया।बताया जा रहा है कि मोहित पांडे में वो सभी खूबियाँ हैं जो राम मंदिर के मुख्य पुजारी में होनी चाहिए और वह मौजूदा पुजारी सत्येंद्र दास को भी बहुत पसंद आए हैं।
यह भी पढ़ें- कौन है मुन्नन खाँ जिसने सत्ता का गलत इस्तेमाल कर कारसेवकों की करी हत्या
मोहित पांडे रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं और भगवान की पूजा पाठ इत्यादि में संलग्न हो जाते हैं। वह रोजाना ध्यान भी करते हैं और रामानंनीय सम्प्रदाय की पूजा पद्दति से भी बखूबी वाकिफ हैं। इतना ही 22 साल के पुजारी मोहित पांडे सभी प्रकार के सोशल मीडिया प्लेटफार्म से भी कोसों दूर रहते हैं। मोहित पांडे के ज्ञान और वैराग्य को देखते हुए ही उन्हें मुख्य पुजारी के तोर पर चुना गया।
मोहित पांडे के मुख्य पुजारी बनने की खबर का सच
लेकिन आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि ये सारी खबर ही फेक है क्योंकि बीते कुछ दिन पहले ही श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए इन खबरों को गलत बताया है। उनका कहना है कि कुछ पुजारियों को चुना गया है पर अभी उनकी ट्रेनिंग चल रही है। साथ ही मुख्य पुजारी के पद पर अभी भी सत्येंद्र दास ही रहेंगे। अभी उनके उत्तराधिकारी को चुनने जैसे कोई बात नहीं हुई है।
ये हैं राम मंदिर के मुख्य पुजारी
आपको बतादें कि सत्येंद्र दास 32 सालों से राम लला की सेवा कर रहे हैं। बाबरी विध्वंस के समय उन्होंने अपने आप को राम लला को समर्पित कर दिया था। उस समय उन्हें प्रतिमाह 100 रूपए मिला करते थे जो बढ़कर 13000 हो गए थे। बतादें कि सत्येंद्र दास जी को मुख्य पुजारी बनाने वाले भाजपा के पूर्व सांसद विनय कटियार और विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख रहे अशोक सिंघल थे। जब बाबरी विध्वंस हुआ उस वक्त भी सत्येंद्र वहाँ मौजूद थे उन्होंने उस वक्त राम लला की प्रतिमा को दूर ले जाकर रख दिया।
यह भी पढ़ें- रावण और राजा जनक ने भी भेजा राम मंदिर के लिए उपहार