Liquor Ban : मध्य प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए राज्य के 19 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला 31 मार्च 2025 की मध्यरात्रि से सभी स्थानों पर लागू हो जाएगा। मुख्यमंत्री के इस कदम का मुख्य उद्देश्य धार्मिक स्थानों की पवित्रता को बनाए रखना और श्रद्धालुओं के लिए एक शुद्ध वातावरण सुनिश्चित करना है।
Liquor Ban : यहाँ बंद होंगी शराब की दुकानें
इस प्रतिबंध के तहत उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, चित्रकूट, ओरछा जैसे प्रमुख धार्मिक नगरों में शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाया गया है। जानकारी के अनुसार, 19 स्थानों पर कुल 47 शराब की दुकानें बंद की गई हैं। सरकार ने कहा है कि इन दुकानों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित नहीं किया जाएगा, बल्कि इन्हें पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।
CM मोहन यादव का यह निर्णय धार्मिक स्थलों की पवित्रता और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कालभैरव मंदिर और शराब चढ़ावे पर विवाद
हालांकि, इस प्रतिबंध के बीच उज्जैन के कालभैरव मंदिर में शराब चढ़ाने की परंपरा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। कालभैरव मंदिर में शराब चढ़ाने की प्रथा सदियों पुरानी है और इसे भक्तों की आस्था का हिस्सा माना जाता है। मंदिर समिति ने इस मुद्दे पर स्पष्टता के लिए सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन फिलहाल उसका कोई जवाब नहीं मिला है।
सरकार की चुप्पी ने स्थानीय लोगों और पुजारियों के बीच बहस छेड़ दी है। कुछ का मानना है कि धार्मिक परंपराओं को छूट दी जानी चाहिए, जबकि अन्य इसे प्रतिबंध के दायरे में शामिल करने की वकालत कर रहे हैं।
शराब व्यवसाय से जुड़े लोग हुए नाराज
एक तरफ इस फैसले का स्वागत धार्मिक संगठनों और तीर्थयात्रियों ने द्वारा किया गया है, तो वहीं शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों में नाराजगी साफ दिख रही है। व्यापारियों का कहना है कि इससे उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। दूसरी ओर, आम जनता सरकार के इस फैसले का सर्मथन कर रही है, क्योंकि इससे धार्मिक स्थलों पर शांति और स्वच्छता बढ़ेगी।
फिलहाल सरकार ने व्यापारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की कोई घोषणा नहीं की है।
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