कर्नाटक। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार मुस्लिम वर्ग के लिए नए प्रावधान लेकर आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार (14 मार्च 2025) को कैबिनेट की मीटिंग में KTPP एक्ट में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार कर्नाटक सरकार ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योर्मेंट (KTPP) एक्ट में बदलाव का विधेयक इसी बजट सेशन में लाने वाली है।
इस एक्ट के विधानसभा में पारित होने के बाद मुस्लिमों को सरकारी टेंडर में 4 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान लागू हो जाएगा।
1 करोड़ रूपए तक के टेंडर पर मिलेगा आरक्षण
7 मार्च को कर्नाटक सरकार का Budget पेश करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि सरकारी टेंडर में श्रेणी B के तहत 4 प्रतिशत आरक्षण मुस्लिमों को दिया जाएगा। विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों और संस्थाओं के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं की खरीद में तीन अलग-अलग श्रेणियों के तहत आरक्षण दिया जाएगा।
इन श्रेणियों में श्रेणी-I में अनुसूचित जाति, श्रेणी-II ए में अनुसूचित जनजाति और श्रेणी-II बी में मुसलमानों को रखा गया है।
KTPP एक्ट का भाजपा ने किया विरोध
कर्नाटक सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट तेज हो गई है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि धर्म के आधार पर दिया गया आरक्षण भारतीय संविधान के तहत स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सामाजिक पिछड़ापन, शैक्षिक पिछड़ापन में तो हर जाति के व्यक्ति को आरक्षण दिया जाता है। मुस्लिम समाज के OBC वर्ग को भी आप आरक्षण दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सीधा सरकारी टेंडर पर आरक्षण देने पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए।
VIDEO | Here's what BJP MP Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) said on Karnataka Cabinet approving amendment to KTPP Act for 4 per cent quota for Muslim contractors.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 15, 2025
"Religion based reservation is not permissible under the Indian Constitution. They keep talking about the… pic.twitter.com/LvuwSmxCxf
कर्नाटक सरकार के Budget में मुस्लिमों के लिए प्रावधान
- सरकारी टेंडर में 4 प्रतिशत आरक्षण
- इमामों को 6 हज़ार रूपए मासिक भत्ता
- विवाह के लिए 50 हज़ार रूपए की सहायता
- उर्दू विद्यालयों के लिए 100 करोड़ का प्रावधान
- मुस्लिम क्षेत्रों में ITI संस्थान
- मुस्लिमों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 50 लाख रूपए
- मुस्लिम विद्यार्थियों को फीस में 50 प्रतिशत की छूट
- मुस्लिम छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग
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