देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का संकट पांचवें दिन भी जारी है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई एयरपोर्ट पर रातभर यात्रियों की भीड़ लगी रही। पिछले चार दिनों में 2,000 से ज्यादा फ्लाइट रद्द हुई और करीब 3 लाख यात्री सीधे प्रभावित हुए। शनिवार और रविवार को भी 25–30% तक फ्लाइटें रद्द या लेट हो सकती हैं।
इंडिगो ने कहा है कि हालात सामान्य होने में 15 दिसंबर तक का समय लगेगा। लेकिन विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने साफ कहा कि समस्या नए FDTL नियमों की नहीं, बल्कि इंडिगो के क्रू मैनेजमेंट की गलती है। अन्य एयरलाइनों को ऐसी परेशानी नहीं हुई। उन्होंने बताया कि जांच के लिए समिति बनाई गई है और जहां गलती होगी, कार्रवाई तय है।
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मंत्री ने कहा कि यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए इंडिगो को कुछ छूट दी गई और एयरपोर्ट पर भीड़ कम करने के लिए कई उड़ानें रद्द करने को भी कहा गया। मंत्रालय की प्राथमिकता है कि जल्द से जल्द सामान्य सेवा बहाल की जाए और यात्रियों को पूरी मदद मिले।
यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उड़ान रद्द होने को लेकर दायर याचिका में इसे मानवीय संकट बताया गया है और यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था व मुआवजा मांगा गया है। CJI सूर्यकांत ने याचिकाकर्ता के वकील को घर पर बुलाकर तत्काल सुनवाई का संकेत दिया है।
उधर, DGCA ने कारणों की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति बनाई है। संकट कम करने के लिए स्पाइसजेट ने 100 अतिरिक्त उड़ानें शुरू की हैं और रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनें व अतिरिक्त कोच लगाए हैं। मंत्रालय 24 घंटे फ्लाइट और किराए की निगरानी कर रहा है।
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