
Indian Deportation : अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीय 5 फरवरी को स्वदेश लौट आए हैं। एक अमेरिकी सैन्य विमान ने बुधवार को अमेरिका में रह रहे इन सभी अवैध प्रवासी भारतीयों को अमृतसर डिपोर्ट किया। विपक्ष की मांग पर एस जयशंकर ने इस मामले पर संसद में जवाब दिया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिपोर्टेशन एक सामान्य प्रक्रिया है। यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनका कोई नागरिक किसी देश में अवैध तरीके से रह रहा है तो उसको वापस लें। यह दुनिया भर के सभी देश स्वीकार कर चुके हैं। प्रत्यर्पण की यह कार्रवाई कोई नई नहीं है, यह सालों से चलती आ रही है।’
विदेश मंत्री ने इसके साथ ही साल 2009 से अब तक हर साल हुए डिपोर्टेशन के आंकड़े भी पेश किए। एस जयशंकर के द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार अबतक 500 से लेकर 2000 तक अवैध प्रवासी भारतीयों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया।
हथकड़ी पहनाए जाने वाले सवाल पर एस जयशंकर का जवाब ?
बुधवार को भारत आए इन प्रवासियों में से कुछ लोगों ने अपनी आप बीती बताई। इन लोगों ने यह भी बताया कि अमेरिका से भारत तक उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर लाया गया। इसी मौके का फायदा विपक्ष ने भी उठाया है। विपक्ष लगातार सरकार से सवाल पूछ रहा है लेकिन विदेश मंत्री ने भी संसद में इसका जवाब दिया।
विपक्ष को जवाब देते हुए एस जयशंकर ने कहा, ‘अमेरिका से हम संपर्क में हैं कि किसी भी डिपार्टेड भारतीय के साथ दुर्व्यवहार न हो। भारत सरकार ने कहा हुआ है कि जो भी लोग वापस आ रहे हैं उनके साथ किसी भी तरीके से अमानवीय व्यवहार ना हो। बाकी काउंसलर एक्सेस तभी दिया जा सकता है, जब भारतीय नागरिक इसके लिए रिक्वेस्ट करें।’
भारतीयों को सैन्य विमान से डिपोर्ट किया गया
बुधवार की दोपहर 104 भारतीयों को एक अमेरिकी सैन्य विमान से अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया। ये वे लोग थे जो अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे थे। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अवैध प्रवासियों पर उनकी नई नीति के चलते इन लोगों को भारत वापस भेजा गया है। दरअसल, ट्रंप सरकार अमेरिका में रह रहे सभी देशों के अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें अपने-अपने देश भेज रही है।
संसद में विपक्ष ने सैन्य वाहन के जरिए डिपोर्टेशन पर भी सवाल किए। जिसपर एस जयशंकर ने कहा – ‘अथॉरिटीज को हमने निर्देश दिए हैं कि वे हर एक रिटर्नी से बैठकर बात करें कि वे कैसे अमेरिका गए। डिपोर्टेशन की प्रक्रिया देखें तो मिलिट्री एयरक्राफ्ट हो या चार्टर्ड प्लेन हो, प्रक्रिया वही होती है।’
कुछ लोगों ने अपनी आप बीती बताई
पंजाब के एक युवक ने बताई अपनी कहानी
पंजाब के होशियारपुर जिले के रहने वाले हरविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने वर्क वीजा के लिए एक एजेंट को 42 लाख रूपए दिए थे। आखिरी समय में वीजा न मिल पाने के कारण उन्हें कई उड़ानों के जरिए अमेरिका भेजा गया था।
हरविंदर सिंह ने बताया कि ब्राजील में पहाड़ों पर चढ़ाई करने के बाद उन्हें अन्य प्रवासियों के साथ छोटी सी नाव पर बिठाकर मेक्सिको की सीमा तक पहुंचाया गया था। उन्होंने बताया की कैसे वो चावल के छोटे छोटे टुकड़ों को खाकर जीवित रहे हैं । अपनी यात्रा में उन्होंने अपने साथ जा रहे अन्य प्रवासियों को मरते हुए भी देखा। उनके साथ का ही एक व्यक्ति पनामा के जंगलों में मर गया था।
सुखपाल सिंह की कहानी
दारापुर गांव के सुखपाल सिंह ने बताया की उन्हें अमेरिका तक पहुंचने के रास्ते में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। पहाड़, समंदर और अलग – अलग देशों की सीमाओं को पार कर वो अमेरिका पहुंचे थे। उन्हें समुद्री मार्ग से 15 घंटे की यात्रा करनी पड़ी और खतरनाक पहाड़ियों से होकर 40-45 किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा।
उन्होंने बताया कि अमेरिका में प्रवेश करने से ठीक पहले उन्हें मैक्सिको में पकड़ लिया गया था। उन्होंने कहा, “हमें 14 दिनों तक एक अंधेरे सेल में बंद रखा गया, कभी दिन का उजाला नहीं देखा। ऐसे कई और पंजाबी, परिवार और बच्चे हैं जो ऐसी ही परिस्थितियों में हैं।”
प्रवासियों ने दी सलाह
अमेरिका से लौटे प्रवासियों ने किसी को भी विदेश में अवैध रास्ते न अपनाने की सलाह दी है।