MP SIR Update: मध्य प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद वोटर लिस्ट से बड़ी संख्या में नाम हटाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, प्रदेश में करीब 25 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटने की संभावना है। इसको लेकर सियासी हलकों में तेज बयानबाजी शुरू हो गई है।
क्यों कट सकते हैं नाम?
चुनाव आयोग ने बताया कि SIR के दौरान कुल 5.76 करोड़ फॉर्म जमा हुए। जांच में सामने आया कि करीब 9 लाख फॉर्म में जरूरी जानकारी नहीं है, जबकि 8.5 लाख मतदाताओं का निधन हो चुका है। 2.5 लाख ऐसे लोग है जिनका नाम दो जगह दर्ज है। इसके अलावा कई मामलों में फार्म सही तरीके से नहीं भरे गए, इन्हीं कारणों के चलते नाम हटाने की प्रक्रिया की जा रही है।
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आगे की प्रक्रिया
मतदाता सूची 23 दिसंबर को जारी की जाएगी। इसके बाद दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी, जो 14 फरवरी 2026 तक चलेगी। जिन लोगों का नाम सूची में नहीं होगा, उन्हें नोटिस दिया जाएगा। जरूरी दस्तावेज जमा करने पर उनका नाम दोबारा जोड़ा जा सकता है। अंतिम वोटर लिस्ट 21 फरवरी 2026 को जारी होगी।
कांग्रेस ने लगाया आरोप
कांग्रेस ने इसे वोट चोरी से जोड़ते हुए कहा है कि फर्जी नामों के जरिए पहले चुनाव प्रभावित किए गए। पार्टी का आरोप है कि यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
बीजेपी की प्रतिक्रिया
बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को गलत बताया है। पार्टी का कहना है कि यह अभियान फर्जी, मृत और दोहरे नाम हटाने के लिए है, ताकि वोटर लिस्ट साफ और सही बन सके।
वोटरों को क्या करना चाहिए
अगर आपका नाम सूची में नहीं है तो घबराएं नहीं। नोटिस मिलने पर दस्तावेज जमा करें BLO या रजिस्ट्रीकरण अधिकारी से संपर्क करें समय रहते दावे-आपत्ति प्रक्रिया में हिस्सा लें
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